इंडिया स्टैक नॉलेज एक्सचेंज 2022
डिजिटल इंडिया वीक 2022 समारोह के हिस्से के रूप में इंडिया स्टैक नॉलेज एक्सचेंज पर एक तीन दिवसीय वर्चुअल कार्यक्रम 7 जुलाई 2022 को शुरू हुआ। यह आयोजन डिजिटल दुनिया- द इंडिया स्टैक में भारत के सबसे महत्वपूर्ण योगदान को प्रदर्शित करने का एक अवसर है। द इंडिया स्टैक भारत की 1.4 अरब आबादी को डिजिटल युग में लाने के लिए एक एकीकृत सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म है। इस कार्यक्रम में दुनिया भर से आए लोगों की भागीदारी देखी गई। इसका उद्देश्य इंडिया स्टैक के बुनियादी निर्माण खंडों को एक दिशा देना है, जो भारत में डिजिटल बदलाव ला रहा है। प्रधानमंत्री ने इंडियास्टैकडॉटग्लोबल को 4 जुलाई 2022 को शुरू किया था, और यह इंडिया स्टैक पर सभी प्रमुख परियोजनाओं का एकमात्र भंडार है।
डिजिटल इंडिया वीक क्या है?
4 जुलाई को गुजरात के गांधीनगर में डिजिटल इंडिया वीक 2022 थीम के साथ ‘उत्प्रेरक न्यू इंडिया टेकडे’ शुरू हुआ। 4 से 9 जुलाई तक चलने वाले इस कार्यक्रम ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की प्रमुख पहल की पथ-प्रदर्शक यात्रा का स्मरण किया, जिसका उद्घाटन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
- डिजिटल इंडिया कार्यक्रम : इसे वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था। कार्यक्रम को कई महत्त्वपूर्ण सरकारी योजनाओं जैसे- भारतनेट, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और स्टैंडअप इंडिया, औद्योगिक गलियारों आदि के लिये समर्थ बनाया गया है।
- दृष्टि क्षेत्र :
- प्रत्येक नागरिक के लिये इन्फ्रास्ट्रक्चर एक उपयोगिता के रूप में;
- मांग पर शासन और सेवाएँ;
- नागरिकों का डिजिटल सशक्तीकरण।
- उद्देश्य :
- भारत को एक ज्ञान भविष्य के लिये तैयार करना।
- परिवर्तन को साकार करना अर्थात् आईटी (इंडियन टैलेंट) + आईटी (इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी = आईटी (इंडिया टुमोरो) को वास्तविक रूप देना।
- परिवर्तन को सक्षम करने के लिये प्रौद्योगिकी को केंद्रीय बनाना।
- एक शीर्ष कार्यक्रम बनाना जो कई विभागों तक पहुँचे।
- डिजिटल इंडिया के 9 स्तंभ :
- ब्रॉडबैंड हाईवे
- मोबाइल कनेक्टिविटी तक सार्वभौमिक पहुँच
- पब्लिक इंटरनेट एक्सेस कार्यक्रम
- ई-गवर्नेंस : प्रौद्योगिकी के माध्यम से सरकार में सुधार
- ई-क्रांति : सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी
- सभी के लिये सूचना
- इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण
- नौकरियों के लिये आईटी
- अर्ली हार्वेस्ट कार्यक्रम
- महत्त्वपूर्ण उपलब्धियाँ :
- डिजिटल भुगतान : एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) की शुरुआत ने देश के हर हिस्से में डिजिटल भुगतान के लाभों की शुरुआत की।
- भुगतान और लेनदेन के मामले में UPI समृद्ध व्यवसायियों से लेकर मामूली रेहड़ी-पटरी वालों तक सभी की मदद कर रहा है।
- यह कई निजी अभिकर्त्ताओं को डिजिटल भुगतान का विकल्प प्रदान करने के लिये प्रोत्साहित करता है जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से बदल दिया है।
- व्यवसायों के संचालन को आसान बनाना : इलेक्ट्रॉनिक ग्राहक पहचान प्रणाली (e-KYC), इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज़ भंडारण प्रणाली (DigiLocker) और इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर प्रणाली (eSign) व्यवसायों व उनके संचालन को सुव्यवस्थित करने में मदद के लिये पेश किया गया था।
- जैम ट्रिनिटी से परे : सिस्टम में खामियों को दूर करने हेतु JAM (जन धन, आधार और मोबाइल) ट्रिनिटी को एक सरल कदम के रूप में शुरू किया गया। यह कोविड टीकाकरण अभियान को सशक्त बनाता है जिसके चलते भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद दूसरा ऐसा देश बन गया है जिसने 20 करोड़ टीके लगाए।
- डिजिटल भुगतान : एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) की शुरुआत ने देश के हर हिस्से में डिजिटल भुगतान के लाभों की शुरुआत की।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.2