अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष (IYM)- 2023 की शुरुआत हुई
- प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष (आईवाईएम)- 2023 के प्रस्ताव को प्रस्तुत किया था, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने स्वीकार कर लिया। भारत सरकार के लिए यह घोषणा आईवाईएम को मनाने में सबसे आगे रहने के लिए सहायक रही है।
- इसके अलावा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को ‘बाजरा के लिए वैश्विक केंद्र‘ के रूप में स्थापित करने के साथ–साथ आईवाईएम– 2023 को ‘जन आंदोलन‘ बनाने के लिए अपनी सोच को भी साझा किया है।
- सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान बाजरे की खपत को लेकर कई साक्ष्य बताते हैं कि यह भारत में पैदा की जाने वाली पहली फसलों में से एक थी। वर्तमान में 130 से अधिक देशों में बाजरा का उत्पादन किया जाता है।
- इसे पूरे एशिया और अफ्रीका में 50 करोड़ से अधिक लोगों के लिए पारंपरिक भोजन माना जाता है।
- भारत में बाजरा मुख्य रूप से एक खरीफ फसल है, जिसमें अन्य समान फसल की तुलना में कम जल और कृषि साधनों (इनपुट) की जरूरत होती है। बाजरा आजीविका उत्पन्न करने, किसानों की आय बढ़ाने और पूरे विश्व में खाद्य व पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी बड़ी क्षमता को देखते हुए महत्वपूर्ण है।
- इससे पहले अप्रैल, 2018 में बाजरे को “पौष्टिक अनाज” के रूप में आगे बढ़ाया गया था। इसके बाद साल 2018 को राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में घोषित किया गया। इसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर इसका प्रचार और मांग उत्पन्न करना था।
- संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने 6 दिसंबर 2022 को इटली के रोम में अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष– 2023 के उद्घाटन समारोह का आयोजन किया था।