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आईएनएस खुकरी

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भारतीय नौसेना का पहला स्वदेश में निर्मित मिसाइल कार्वेट आईएनएस खुकरी (पी49) 26 जनवरी 2022 को दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव (डीएनएचडीडी) प्रशासन को सौंप दिया गया। सार्वजनिक यात्राओं के लिए दीव प्रशासन द्वारा खुकरी को एक संग्रहालय में परिवर्तित करने की योजना है। संग्रहालय मौजूदा खुकरी मेमोरियल के साथ सह-स्थित होगा। यहां पर आईएनएस खुकरी (एफ149), ब्लैकवुड क्लास पनडुब्बी रोधी फ्रिगेट का छोटा संस्करण भी रखा गया है।

आईएनएस खुखरी एक भारतीय नौसेना पोत का नाम है। यह एक युद्धपोत था जिसका पूरा नाम इंडियन नेवल शिप खुखरी था, इस पोत को 1971 में हुए भारत – पाक युद्ध के दौरान 9 दिसम्‍बर, 1971 को पाकिस्‍तानी पनडुब्‍बी पीएनएस हेंगोर के द्वारा तारपीडो से नष्‍ट कर दिया गया था। यह जहाज दीव के समुद्र तट से 40 नॉटिकल मील की दूरी पर 18 अधिकारियों और 176 नाविकों सहित डूब गया था। जहाज के कप्‍तान कमांडर ऑफीसर, महेन्‍द्र नाथ मुल्‍ला के पास उस स्थिति में स्‍वंय को बचाने का अवसर था, लेकिन उस वीर सैनिक ने इनकार कर दिया और अपने पूरे चालक दल का साथ निभाया। उन्होंने अपनी लाइफ जैकेट अपने जूनियर अधिकारी को दे दी और उसे उसके साथियों के साथ जहाज से उतर जाने का आदेश दे दिया। बाद में, कप्‍तान मुल्‍ला को देश के सम्‍मान में अपने अप्रतिम शौर्य और बलिदान के लिए मरणोपरांत महावरी चक्र से सम्‍मानित किया गया था। यह बात भी जानने लायक है कि उस घटना के बाद भारतीय नौ सेना ने 48 घंटों के भीतर ही कराची की बंदरगाह पर कब्‍जा कर बदला ले लिया था। इन सभी बहादुर योद्धाओं की शहादत की स्‍मृति में दीव में एक स्‍मारक स्‍थापित किया गया है। इस स्‍मारक के पास में ही कांच में आईएनएस खुखरी के एक छोटे से मॉडल को रखा गया है। यह स्‍मारक समुद्र के सामने एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। इस स्‍मारक का उद्घाटन वाइस एडमिरल माधवेन्‍द्र सिंह ने 15 दिसम्‍बर 1999 को किया था, जो भारतीय नौ सेना के तत्‍कालीन कमांडिग – इन – चीफ फ्लैग ऑफीसर थे।

SOURCE: https://hindi.nativeplanet.COM

PAPER-G.S.1PRE

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