इंटेल एजेंसियों का क्रिप्टोकरेंसी सौदे पर कानून की तलाश
- सरकार की जांच और खुफिया एजेंसियां मौजूदा नियामक तंत्र के तहत क्रिप्टो मुद्रा एक्सचेंजों को स्पष्ट रूप से सूचीबद्ध करने के लिए केंद्र पर दबाव डाल रही हैं।
- एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में जांच के दौरान यह सामने आया है कि भारत में डिजिटल ऋण ऐप संचालित करने वाली चीनी ‘सेल कंपनियां’ क्रिप्टो एक्सचेंजों के माध्यम से भारत से बाहर धन भेजती हैं। अधिकारी ने कहा, “चीनी कंपनियों द्वारा भारत में संचालित क्रिप्टो मुद्रा एक्सचेंजों का स्वामित्व अभी तक रिकॉर्ड में नहीं है।”
- वर्तमान में, आपराधिक मामला दर्ज होने के बाद ही ऐसे एक्सचेंजों से जानकारी माँगा जा सकता है।
- हालांकि कानून प्रवर्तन एजेंसियां और पुलिस आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 91 के तहत इन एक्सचेंजों से सूचना मांगने के लिए अधिकृत हैं, लेकिन कई मौकों पर प्राथमिकी के अभाव में महत्वपूर्ण जानकारी नहीं मांगी जा सकती है।
- इंटेलिजेंस ब्यूरो ने क्रिप्टो एक्सचेंजों द्वारा पेश की गई चुनौतियों पर एक प्रस्तुति दी।
- अधिकांश एक्सचेंजों में भौतिक कार्यालय नहीं है और डेटा भंडारण क्लाउड–आधारित है।
- सुरक्षा एजेंसियां, एक्सचेंजों से जानकारी प्राप्त करने के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उपलब्ध शक्तियों की तलाश कर रही हैं।
Note: हाल ही में, प्रवर्तन निदेशालय ने एक मामले की जांच करते हुए, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फ्लिपवोल्ट और संबद्ध कंपनियों की 370 करोड़ की संपत्ति और 65 करोड़ रुपये की संपत्ति वज़ीरएक्स को सील कर दिया।
- 18 जुलाई 2022 को, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा को सूचित किया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश के मौद्रिक और वित्तीय स्वास्थ्य के लिए “अस्थिर प्रभावों” का हवाला देते हुए क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है।
Note: यह सूचना मेंस के GS -3, के “मनी लॉन्ड्रिंग एवं उसका रोकथाम” वाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।