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एलसीए तेजस सिंगापुर एयर शो-2022

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भारतीय वायु सेना की एक 44 सदस्‍यीय टुकड़ी ‘सिंगापुर एयर शो-2022’ में भाग लेने के लिए आज सिंगापुर के चांगी अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची। इस एयर शो का आयोजन 15 से 18 फरवरी, 2022 तक किया जाएगा। सिंगापुर एयर शो एक द्विवार्षिक कार्यक्रम है जो वैश्विक उड्डयन उद्योग को अपने उत्‍पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच उपलब्‍ध कराता है।

भारतीय वायु सेना विश्‍वभर के प्रतिभागियों के साथ स्‍वदेशी तेजस एमके-1 एसी प्रस्‍तुत करेगी। तेजस विमान अपनी उत्‍कृष्‍ट हैंडलिंग विशेषताओं तथा गतिशीलता को प्रदर्शित करते हुए नीची ऊंचाई के ऐरोबैटिक्‍स को प्रदर्शित करते हुए दर्शकों को मंत्र मुग्‍ध कर देगा। एयर शो में भारतीय वायु सेना की प्रतिभागिता भारत को तेजस विमान को प्रदर्शित करने तथा आरएसएएफ (रॉयल सिंगापुर एयर फोर्स) तथा अन्‍य प्रतिभागी टुकडि़यों के साथ परस्‍पर संपर्क करने का अवसर प्रदान करती है।

इससे पूर्व, भारतीय वायु सेना ने स्‍वदेशी विमानों को प्रदर्शित करने तथा एरोबैटिक्‍स टीमों का निर्माण करने के लिए मलेशिया में एलआईएमए-2019 तथा दुबई एयर शो-2021 जैसे समान प्रकार के एयर शो में भाग लिया था।

एचएएल तेजस

तेजस भारत द्वारा विकसित किया जा रहा एक हल्का व कई तरह की भूमिकाओं वाला जेट लड़ाकू विमान है। यह हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित एक सीट और एक जेट इंजन वाला, अनेक भूमिकाओं को निभाने में सक्षम एक हल्का युद्धक विमान है। यह बिना पूँछ का, कम्पाउण्ड-डेल्टा पंख वाला विमान है। इसका विकास ‘हल्का युद्धक विमान’ या (एलसीए) नामक कार्यक्रम के अन्तर्गत हुआ है जो 1980 के दशक में शुरू हुआ था। विमान का आधिकारिक नाम तेजस 4 मई 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था। यह विमान पुराने पड़ रहे मिग-21 का स्थान लेगा।

तेजस की सीमित श्रृंखला का उत्पादन 2007 में शुरू हुआ। दो सीटों वाला एक ट्रेनर संस्करण विकसित किया जा रहा है (नवम्बर 2008 तक उत्पादन के क्रम में था।), क्योंकि इसका नौसेना संस्करण भारतीय नौसेना के विमान वाहक पोतों से उड़ान भरने में सक्षम है। बताया जाता है कि भारतीय वायु सेना को एकल सीट वाले 200 और दो सीटों वाले 20 रूपांतरण प्रशिक्षक विमानों की जरूरत है, जबकि भारतीय नौसेना अपने सी हैरियर की जगह एकल सीटों वाले 40 विमानों का आदेश दे सकती है।

१ जुलाई २०१६ को भारतीय वायुसेना की पहली तेजस यूनिट का निर्माण किया गया, जिसका नाम ‘नम्बर ४५ स्क्वाड्रन आई ए एफ फ्लाइंग ड्रैगर्स’ है। 1 अप्रैल 2020 में भारतीय वायुसेना की दूसरी तेजस स्क्वाड्रन का निर्माण किया। इससे स्क्वाड्रन का नाम ‘नम्बर 18 स्क्वाड्रन आई ए एफ फ्लाईं बुलेट’। ये दोनो स्क्वाड्रन सुलूर में स्थापित है।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.3

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