रेलवे सुरक्षा बल (Railway Protection Force – RPF) ने मानव तस्करी को रोकने के लिए ऑपरेशन आहट शुरू किया है। यह मुख्य रूप से उन ट्रेनों पर ध्यान केंद्रित करेगा जो सीमावर्ती देशों से चल रही हैं। यह ऑपरेशन रेल मंत्रालय के तहत किया जा रहा है। RPF रेल मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
ऑपरेशन आहट (Operation AAHT)
इस ऑपरेशन के तहत RPF लंबी दूरी की ट्रेनों में विशेष बल तैनात करेगी। यह ऑपरेशन मुख्य रूप से तस्करों से महिलाओं और बच्चों को बचाने पर केंद्रित होगा। यह ऑपरेशन भारतीय रेलवे द्वारा संचालित हर ट्रेन में लागू किया जायेगा। भारतीय रेलवे कुल मिलाकर 21,000 ट्रेनों का संचालन करता है। RPF के अनुसार, तस्करों के लिए रेलवे परिवहन का सबसे विश्वसनीय साधन है।
इस ऑपरेशन के तहत RPF सुराग जुटाएगा, उसका मिलान करेगा और उसका विश्लेषण करेगा। मार्गों, पीड़ितों, स्रोतों, गंतव्य, लोकप्रिय ट्रेनों की जानकारी एकत्र की जाएगी। RPF ऑपरेशन में अपनी पूरी खुफिया जानकारी का इस्तेमाल करेगी। एकत्र किए गए विवरण को अन्य कानून लागू करने वाली एजेंसियों के साथ साझा किया जाएगा। RPF स्थानीय पुलिस की सहायता करेगी और अंतर-राज्यीय कार्यों में सेतु का काम करेगी। इस ऑपरेशन के तहत साइबर सेल बनाये जायेंगे। म्यांमार, नेपाल और बांग्लादेश से चलने वाली ट्रेनों पर अधिक ध्यान दिया जायेगा।
पृष्ठभूमि
RPF ने 2017 से 2021 के बीच दो हजार महिलाओं को तस्करों के चंगुल से छुड़ाया। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, हर साल 2,200 नए तस्करी के मामले दर्ज किए जाते हैं। 2011 में, भारत सरकार ने UNTOC की पुष्टि की थी। UNTOC का अर्थ United Nations Conventions against Transnational Organised Crime है। UNTOC प्रोटोकॉल में मानव तस्करी की रोकथाम, दमन और दंड देना शामिल है।
ऑपरेशन की आवश्यकता
महिलाएं और बच्चे यौन शोषण, घरेलू दासता और जबरन विवाह के लिए मानव तस्करी के प्रमुख शिकार हैं। साथ ही, अंग प्रत्यारोपण, नशीली दवाओं की दासता आदि के लिए मानव तस्करी होती है। तस्करी किए गए लोगों के साथ गुलामों जैसा व्यवहार किया जाता है। सर्कस में काम करने, भीख मांगने, अवैध रूप से गोद लेने, मनोरंजन उद्योग आदि में काम करने के लिए भी उनकी तस्करी की जाती है।
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.1PRE