प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि मुझे देश भर में 100 स्थानों पर किसान ड्रोन को उड़ते हुए काम करते देखकर खुशी हुई।
ड्रोन की मदद से 10 राज्यों – आंध्र प्रदेश, बिहार, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में फसलों की तस्वीर ली जाएगी। ड्रोन के माध्यम से कैप्चर किए गए रिमोट सेंसिंग डेटा से किसानों को फसल की स्थिति और नुकसान के बारे में सटीक जानकारी मिलेगी। इससे फसल बीमा के क्लेम निपटाने में भी मदद मिलेगी।
बता दें, खेती में ड्रोन का इस्तेमाल कुछ जगहों पर होता रहा है लेकिन इसका दायरा अब और बढ़ाने की कवायद शुरू हो गई है। भारत में इसके इस्तेमाल को धीरे-धीरे बढ़ाया जा रहा है। दरअसल, कृषि ड्रोन बाजार आने वाले वर्षों में 40 फीसद तक पहुंचाने की संभावना है। जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ेगी और जलवायु में परिवर्तन आएगा, वैसे-वैसे हाईटेक आधारित कृषि की जरूरत होगी। ऐसे में कुशल खेती-बाड़ी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है। बड़े रकबे के खेतों में कीटनाशक का छिड़काव किसानों के लिए मुश्किल काम होता है। इस काम में ड्रोन ने बड़ी मदद की है और जमीन के बड़े हिस्से को काफी समय में कवर किया है। छिड़काव में ड्रोन के इस्तेमाल से समय के साथ खर्च की भी बचत होती है। ड्रोन के सहारे उस सटीक जगह पर भी छिड़काव किया जा सकता है जहां उसकी जरूरत है। इससे कीटनाशक की बचत होती है और उसे बरबाद होने से बचाया जा सकता है।
छिड़काव के लिए बाजार में पहले से स्प्रिंग ड्रोन मौजूद हैं। इस ड्रोन में कीटनाशक डाल कर किसान अपने खेतों में छिड़काव कर सकते हैं। स्प्रिंग ड्रोन पूरी तरह से बैट्री से चलता है और इसका ऑपरेशन रिमोट से होता है। इस ड्रोन की 20 मिनट की फ्लाइट होती है जिस दौरान खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव किया जा सकता है। इस ड्रोन की खासियत है कि किसान इसे मोबाइल या किसी अन्य उपकरण के सहारे इसका पूरा पाथ सेट कर सकते हैं। इससे ड्रोन अपना काम करने के बाद दोबारा अपने स्थान पर लौट आएगा। इस ड्रोन को आम किसानों तक पहुंचाने की कोशिश जारी है।
ड्रोन की मदद से किसान खेतों में बीजों का छिड़काव भी कर सकते हैं। देश में कई नए स्टार्टअप ने ऐसे ड्रोन बनाए हैं जो बेहद सटीकता के साथ बीज रोपते हैं। इससे रोपाई की लागत में कमी आएगी और सही रोपाई होने से पैदावार भी बढ़ेगी। किसानों के सामने अपनी फसल की निगरानी एक बड़ी चुनौती होती है जिसे ड्रोन की मदद से किया जा रहा है। अब ड्रोन की मदद से किसान घर बैठे अपनी फसल देख सकते हैं और जानकारी ले सकते हैं। किसान अपनी फसल को पशुओं से होने वाले नुकसान से बचा सकते हैं। देश में कई जगहों पर खेती की पैमाइश के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल तेजी से हो रहा है।
ड्रोन क्या है? (What is Drone in Hindi)
Drone एक तरह का robot हैं, लेकिन ये उन robots से थोड़ा अलग हैं जिन robots की हम कल्पना करते हैं। Drone, robot में इसीलिए शामिल हैं क्योंकि ड्रोन को इंसानों के द्वारा कंट्रोल किया जा सकता हैं। लेकिन ड्रोन दूसरे robots से अलग होता हैं क्योंकि ड्रोन उड़ सकते हैं और इसे भी इंसानों ने अपनी सुविधाओं के लिए बनाया हैं, इसे उड़ने वाला robot भी कहा जा सकता हैं।
दूसरे शब्दों में ड्रोन को UAV यानि unmanned aerial vehicles के नाम से भी जाना जाता हैं। ड्रोन एक तरह का मिनिएचर रोबोट होता हैं, जिसे आसानी से किसी रिमोट या फोन से उड़ाया जा सकता हैं। इसे रिमोट कंट्रोल सिस्टम के नाम से भी जाना जाता हैं। इसका उपयोग अधिकतर आर्मी या मिलिट्री के लिए किया जाता हैं, इस UAVs यानि Unmanned Aerial Vehicles या RPAS यानि Remotely Piloted Aerial Systems को सरल शब्दों में ड्रोन कहते हैं। ड्रोन एक इंसान की तुलना में ज्यादा अच्छे से काम करता हैं। ये उन जगहों पर भी आसानी से जा सकता हैं, जहां इंसानों को जाने में मुश्किल होती है या वहां जाना इंसानों के लिए risky होता हैं। और ड्रोन किसी के ऊपर इंसानों से बेहतर निगरानी रख सकता हैं क्योंकि ड्रोन 24/7 काम करने में सक्षम होता हैं साथ ही ड्रोन लंबे समय तक लोगों पर नजर रखे उनकी रीयल इमेज भेज सकता हैं, इसीलिए ड्रोन को “eye of the sky” के नाम से भी जाना जाता है। आजकल टेक्नोलॉजी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और इनोवेशन की इस दुनिया मे ड्रोन टेक्नोलॉजी भी तेजी से evolve हो रही है। Unmanned aerial vehicle technology एक ऐसी टेक्नोलॉजी हैं जिसके अंतर्गत ड्रोन के बारे में indepeth नॉलेज प्राप्त की जा सकती हैं। circuit boards, chipset और software के जरिए ड्रोन का दिमाग यानि ड्रोन की aerodynamics, materials तैयार की जाती हैं।
ड्रोन के प्रकार – Types of Drone in Hindi
Drone के कार्य क्षमता के अनुसार ड्रोन दो तरह के होते हैं –
Normal Drone
नॉर्मल ड्रोन वो ड्रोन होते हैं, जिसे हमें अक्सर फिल्मों में दिखते हैं। ये ड्रोन चार पंख वाला device होता हैं जिसे रिमोट या मोबाइल से भी कंट्रोल या ऑपरेट किया जा सकता हैं। इन ड्रोन का उपयोग आप advance काम के लिए नहीं कर सकते है। ये drones एक बार में केवल 20 से 30 मिनट तक ही उड़ सकता हैं। ये drones केवल 100 से 200 मीटर की उचाई तक उड़ सकते हैं। लेकिन इनके उड़ने के कैपेसिटी को 500 मीटर तक बढ़ाया जा सकता हैं। इन ड्रोन के जरिए कुछ देर के लिए आसमान से शूटिंग किया जा सकता हैं।
Advance Drone
ये ड्रोन नॉर्मल ड्रोन की तुलना में बहुत ज्यादा एडवांस होते हैं। एडवांस ड्रोन किसी हवाई जहाज से कम नहीं है। इस तरह के ड्रोन का उपयोग अधिकतर में आर्मी और नेवी के लोगों के द्वारा किया जाता है। इन ड्रोंस के जरिए किसी भी देश में बम से हमला किया जा सकता है। इस तरह के ड्रोन अधिकता है यूनाइटेड स्टेट अमेरिका द्वारा ही बनाए जाते हैं। अमेरिका ने आज इतने एडवांस ड्रोन बना लिए हैं कि यह ड्रोन किसी भी देश की सीमा के रडार में दिखाई तक नहीं देता हैं।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3