‘कूड़ा से ऊर्जा‘ योजना शुरू, दो दर्जन से ज्यादा शहरों में बनेगी कचरे से बिजली और सीएनजी
- शहरी क्षेत्रों को कूड़ा मुक्त बनाने के लिए सरकार ने आगामी वित्त वर्ष 2023-24 के आम बजट में विशेष प्रावधान किए हैं। इसके पहले चरण में दस लाख की आबादी वाले 25 शहरों को चिन्हित किया गया है, जिनमें कूड़ा से बिजली और बायो सीएनजी (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) के प्लांट स्थापित किए जाएंगे।
- केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने इस दिशा में ऐसे शहरी निकायों से हाथ मिलाकर आगे बढ़ने के लिए समझौता करना शुरू कर दिया है।
- कचरा मुक्त शहर के विजन को लागू करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के तहत स्थायी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर विशेष जोर दिया गया है।
- इसी उद्देश्य के साथ शहरी विकास मंत्रालय ने दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में वृहद स्तर पर सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग की सुविधाएं स्थापित करने का फैसला किया है।
- इस श्रेणी के कुल 59 शहरों में लखनऊ, कानपुर, बरेली, नासिक, ठाणे, नागपुर, ग्वालियर, चेन्नई, मदुरै और कोयंबटूर प्रमुख हैं। इन शहरों के जैविक या गीले कूड़े की प्रोसेसिंग के लिए बायो–मीथेनेशन प्लांट स्थापित किए जाएंगे, लेकिन पहले चरण में फिलहाल 25 शहरों को ही चुना गया है।
- पिछले वर्ष 2022 में इंदौर में इस तरह का एशिया का सबसे बड़ा म्यूनिसिपल सॉलिट वेस्ट आधारित गोबर–धन प्लांट की स्थापना की गई। इस प्लांट की उत्पादन क्षमता 19 हजार किग्रा बायो सीएनजी गैस का है।
- इसी तरह वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में शहरी सॉलिड वेस्ट से निकलने वाले सूखे कचरे के अंश का उपयोग किया जाएगा।
हरित विकास पर दिया जाएगा ध्यान:
- इस परियोजना में निजी क्षेत्रों के साथ मिलकर स्थापित संयंत्रों की निगरानी में शहरी निकायों की इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (EIL) मदद करेगा।
- केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2023-24 के बजट प्रावधानों में अमृतकाल के दौरान जिन सात प्राथमिकताओं (सप्तऋषि) का जिक्र किया है, उसमे ग्रीन ग्रोथ (हरित विकास) को विशेष महत्व दिया गया है।
- इसके तहत देश के 75 प्रमुख शहरी क्षेत्रों में 200 कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट की स्थापना का प्रस्ताव है, जिस पर कुल 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
- इस भारी भरकम निवेश से जहां शहरी क्षेत्र को कूड़ा मुक्त बनाने में मदद मिलेगी वहीं शहरों से निकलने वाले रोजमर्रा के कूड़े कचरे से ग्रीन एनर्जी (हरित ऊर्जा) के उत्पादन को बल मिलेगा।
साभार: दैनिक जागरण