खगोलीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लद्दाख में होगा भारत का पहला ‘डार्क स्काई रिजर्व‘
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ जितेंद्र सिंह ने 3 सितम्बर 2022 को घोषणा की, 2022 के अंत तक, भारत लद्दाख के शीत रेगिस्तानी क्षेत्रों में देश का पहला डार्क स्काई रिजर्व स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि यह सुविधा खगोल विज्ञान-पर्यटन को भी बढ़ावा देगी।
- समुद्र तल से 4,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, ‘हानले डार्क स्काई रिजर्व (HDSR)’, ‘चांगथांग वन्यजीव अभयारण्य’ के अंदर स्थित होगा।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (IIA), बेंगलुरु के विशेषज्ञ अपनी तरह की इस पहली सुविधा को विकसित करने में वैज्ञानिक और तकनीकी सहायता प्रदान कर रहे हैं।
- IIA पहले से ही हनले, लद्दाख में स्थित भारतीय खगोलीय वेधशाला (IAO) परिसर का प्रबंधन कर रही है।
डार्क स्काई रिजर्व क्या है?
- एक डार्क स्काई रिजर्व सार्वजनिक या निजी भूमि है जिसमें एक विशिष्ट रात का वातावरण और तारों वाली रातें होती हैं जिन्हें प्रकाश प्रदूषण को रोकने के लिए जिम्मेदारी से विकसित किया गया है।
- इंटरनेशनल डार्क स्काई एसोसिएशन (IDSA) की वेबसाइट के अनुसार, ये रिजर्व के अंतर्गत “आकाश की गुणवत्ता और प्राकृतिक अंधेरे के लिए न्यूनतम मानदंडों को पूरा करने वाला एक कोर क्षेत्र, और एक परिधीय क्षेत्र जो कोर में डार्क स्काई संरक्षण का समर्थन करता है” शामिल होता है।
कोई स्थल को ‘डार्क स्काई रिजर्व‘ कैसे घोषित किया जाता है?
- व्यक्ति या समूह, किसी स्थल को इंटरनेशनल डार्क स्काई एसोसिएशन (IDSA) के प्रमाणन के लिए को नामांकित कर सकते हैं। इंटरनेशनल डार्क स्काई पार्क, समुदाय, रिजर्व, अभयारण्य और शहरी नाइट स्काई प्लेस आदि पांच श्रेणियों में नामांकन किया जा सकता है।
- आईडीएसए ने कहा कि 2001 और जनवरी 2022 के बीच, वैश्विक स्तर पर 195 साइटों को अंतर्राष्ट्रीय डार्क स्काई प्लेस के रूप में मान्यता दी गई है।
- भारत अभी भी आईडीएसए के लिए अपना नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया में है।
Note: यह सूचना प्री में एवं मेंस के GS -3, के “पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण और गिरावट” वाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।