‘गिग वर्कर्स’ के लिए सरकार ने सुनाई खुशखबरी
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रम मंत्रियों के सम्मेलन में गिग वर्कर्स को भी सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने की बात कही। संगठित सेक्टर की तरह गिग वर्कर्स को भी इलाज, पेड छुट्टी, सीमित काम के घंटे, पेंशन जैसी सुविधाएं देने की तैयारी शुरू हो चुकी है।
- नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 में देश में 77 लाख गिग वर्कर्स थे जो वर्ष 2029-30 तक35 करोड़ हो जाएंगे।
- श्रम मंत्रालय के विजन 2047 के मुताबिक ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार के गिग वर्कर्स के लिए काम के घंटे और उनकी कार्य स्थिति तय की जाएगी।
- रिटेल स्टोर, मैन्युफैक्चरिंग एवं अन्य गैर पारंपरिक सेक्टर में कैजुअल रूप से काम करने वाले श्रमिक ऑफलाइन गिग वर्कर्स होते हैं। वहीं, ओला, उबर, जोमैटो जैसे प्लेटफार्म के लिए काम करने वाले श्रमिक ऑनलाइन गिग वर्कर्स की श्रेणी में आते हैं।
Note: यह सूचना प्री में एवं मेंस के GS -2, के “कल्याणकारी योजनाएं और इन योजनाओं का प्रदर्शन” वाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।