जम्मू–कश्मीर में आतंकवाद–अलगाववाद को बढ़ावा देने वाले पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करना होगा : केंद्रीय गृह मंत्री
- केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आम आदमी की भलाई के लिए आतंकवादी–अलगाववादी अभियान को सहायता, बढ़ावा देने और बनाए रखने वाले तत्वों से युक्त आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
- केंद्रीय गृह मंत्री ने नई दिल्ली में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति और क्षेत्र के विकास पहलुओं पर समीक्षा बैठक के दौरान यह बात कही। बैठक के दौरान, श्री शाह ने अधिकारियों को आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का पालन करने का निर्देश दिया।
- पहले से निर्धारित यह बैठक ऐसे दिन हुई जब जम्मू में सुरक्षाबलों ने एक मुठभेड़ में चार आतंकवादियों को मार गिराया। मारे गए आतंकवादी घुसपैठ कर पाकिस्तान से आए थे। इस महीने की शुरुआत में ऐसी खबरें थीं कि एक आतंकवादी समूह ने 56 कर्मचारियों की हिट लिस्ट जारी की थी और उसके बाद घाटी में कार्यरत कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्य दहशत में थे।
- लश्कर–ए–तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट से जुड़े एक ब्लॉग ने 56 कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की सूची प्रकाशित की, जिन्हें प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज के तहत भर्ती किया गया था।
- आतंकवादियों की ओर से टारगेट हत्याओं के बाद, घाटी में कार्यरत कई कश्मीरी पंडित जम्मू चले गए हैं और वे ट्रांसफर किए जाने की मांग को लेकर 200 से अधिक दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं।
- सरकार ने पिछले दिनों संसद को सूचित किया था कि 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद जुलाई 2022 तक जम्मू कश्मीर में पांच कश्मीरी पंडितों और 16 अन्य हिंदुओं और सिखों सहित 118 नागरिक मारे गए हैं।