जुलाई–सितंबर 2022 की अवधि के लिए सार्वजनिक ऋण प्रबंधन की तिमाही रिपोर्ट
- वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के बजट प्रभाग ने जुलाई–सितंबर 2022 की अवधि के लिए सार्वजनिक ऋण प्रबंधन की तिमाही रिपोर्ट प्रकाशित की है।
- अप्रैल–जून (पहली तिमाही) 2010-11 से, बजट प्रभाग का सार्वजनिक ऋण प्रबंधन प्रकोष्ठ (पीडीएमसी) ऋण प्रबंधन पर नियमित रूप से एक त्रैमासिक रिपोर्ट प्रकाशित करता रहा है। वर्तमान रिपोर्ट तिमाही जुलाई–सितंबर (वित्तीय वर्ष 23 की दूसरी तिमाही) से संबंधित है।
- वित्तीय वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही के दौरान, केन्द्र सरकार ने उधार कैलेंडर में 4,22,000 करोड़ रुपये की अधिसूचित राशि की तुलना में दिनांकित प्रतिभूतियों के माध्यम से 4,06,000 करोड़ रुपये की राशि जुटाई, जबकि पुनर्भुगतान 92,371.15 करोड़ रुपये का रहा।
- वित्तीय वर्ष 2023 की पहली तिमाही में रहा प्राथमिक निर्गमों की भारित औसत प्रतिफल 7.23 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में 7.33 प्रतिशत हो गया।
- जुलाई–सितंबर 2022 के दौरान केन्द्र सरकार ने कैश मैनेजमेंट बिल के जरिए कोई राशि नहीं जुटाई।
- भारतीय रिजर्व बैंक ने इस तिमाही के दौरान सरकारी प्रतिभूतियों के लिए खुला बाजार गतिविधि संचालित नहीं की।
- अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, सरकार की कुल सकल देनदारियां (‘सार्वजनिक खाते‘ के तहत आने वाली देनदारियों सहित) जून 2022 के अंत में 1,45,72,956 करोड़ रुपये से बढ़कर सितंबर 2022 के अंत में 1,47,19,572.2 करोड़ रुपये हो गई।
- इसने वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में 1.0 प्रतिशत की तिमाही–दर–तिमाही वृद्धि का प्रतिनिधित्व किया।
- सार्वजनिक ऋण सितंबर 2022 के अंत में कुल सकल देनदारियों का 89.1 प्रतिशत था, जो जून 2022 के अंत में 88.3 प्रतिशत था।
- केन्द्र सरकार की प्रतिभूतियों का स्वामित्व पैटर्न यह इंगित करता है कि वाणिज्यिक बैंकों की हिस्सेदारी सितंबर 2022 के अंत में 38.3 प्रतिशत थी, जबकि जून 2022 के अंत में यह 38.04 प्रतिशत थी।