दीनदयाल अंत्योदय योजना–राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने छूटे हुए परिवारों को अपने दायरे में लाने के लिए सामाजिक लामबंदी अभियान
- ग्रामीण विकास मंत्रालय 7 से 20 सितंबर, 2022 तक 15 दिवसीय देशव्यापी अभियान चला रहा है।
- दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 34 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में छूटे हुए गरीब ग्रामीण और गरीब महिलाओं को महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के साथ जोड़ने की प्रक्रिया में तेजी लाना इस अभियान का उद्देश्य है।
- अभियान के दौरान, प्रत्येक गांव की महिला संस्थाएं एक सामाजिक लामबंदी कार्यक्रम आयोजित करेंगी, जहां प्रत्येक सदस्य अपने साथ एक मित्र, या पड़ोसी को साथ लाएगी, जो किसी स्वयं सहायता समूह की सदस्य नहीं है।
- इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना भी है कि एसएचजी को उच्च स्तरीय संघों; टियर टू लेवल विलेज ऑर्गनाइजेशन (वीओ) और टियर थ्री लेवल क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) में शामिल किया जाए।
- मंत्रालय का दृष्टिकोण है कि इस तरह के संघीय ढांचे गरीबों के समुदाय–प्रबंधित संस्थानों के रूप में विकसित होंगे, जो आजीविका और सामाजिक विकास के कार्यक्रमों का नेतृत्व कर सकते हैं।
- 31 अगस्त तक डीएवाई–एनआरएलएम के तहत 5 करोड़ से अधिक परिवारों को 78.33 लाख एसएचजी से जोड़ा जा चुका है।
Note: यह सूचना प्री में एवं मेंस के GS -2, के “आबादी के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं और इन योजनाओं का प्रदर्शन;” वाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।