पूर्वी लद्दाख के गोगरा–हॉट स्प्रिंग से अपने–अपने क्षेत्रों में लौट जाएंगे भारत और चीन के सैनिक
- पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास विवादित क्षेत्र में घुस आए चीनी सैनिक 12 सितंबर, 2022 तक उस इलाके को पूरी तरह से खाली कर देंगे।
- इसके साथ ही चीन की घुसपैठ को देखते हुए भारत ने इस पूरे इलाके में अपने जो सैनिक तैनात किए थे वहां से उनकी वापसी सुनिश्चित की जाएगी।
- दोनों देशों के बीच इस बात की सहमति बन गई है कि पूरे एलएसी के पास मई 2020 से पहले वाली स्थिति बहाल की जाएगी।
- इससे साफ संकेत मिल रहा है कि 15-16 सितंबर, 2022 को उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच द्विपक्षीय मुलाकात होगी।
- दोनों पक्ष गोगरा–हॉटस्प्रिंग इलाके (पीपी 15) से सैनिकों की पूरी तरह से वापसी को तैयार हुए।
- दोनों पक्षों में यह सहमति भी बनी है कि दोनों तरफ से जो ढांचे एलएसी के इलाके में बनाए गए हैं, उन्हें नष्ट किया जाएगा और इसका भी एक दूसरे से सत्यापन कराया जाएगा। इस इलाके में इस विवाद के शुरू होने से पहले वाली स्थिति बहाल की जाएगी।
- दोनों देशों के बीच बनी सहमति यह सुनिश्चित करेगी कि एलएसी का कड़ाई से पालन किया जाएगा और उसका दोनों पक्ष आदर करेंगे।
- पेट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी-15) से सैन्य वापसी के साथ ही दोनों पक्ष एलएसी से जुड़े दूसरे मुद्दों को सुलझाने के लिए आगे वार्ता जारी रखेंगे और भारत-चीन सीमा पर अमन-शांति स्थापित करने का काम करेंगे।
Note: यह सूचना प्री में एवं मेंस के GS -2, के “भारत और उसके पड़ोसी देशों से संबंध” वाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।