प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 18 फरवरी, 2016 को मध्य प्रदेश के सीहोर में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) की शुरूआत की घोषणा के 6 वर्ष पूरा होने के बाद, इस योजना ने आगामी खरीफ 2022 सीज़न के साथ अपने कार्यान्वयन के 7वें वर्ष में सफलतापूर्वक प्रवेश किया है।
- ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ (PMFBY) को 13 जनवरी, 2016 को लॉन्च किया गया था।
- इस योजना की शुरुआत देश में किसानों को न्यूनतम और समान बीमा-किस्त पर एक व्यापक जोखिम समाधान प्रदान करने के लिये की गई थी।
मुख्य बिंदु :
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) :
- यह योजना किसानों को फसल की विफलता (खराब होने) की स्थिति में एक व्यापक बीमा कवर प्रदान करती है, जिससे किसानों की आय को स्थिर करने में मदद मिलती है।
- दायरा (Scope) : वे सभी खाद्य और तिलहनी फसलें तथा वार्षिक वाणिज्यिक/बागवानी फसलें, जिनके लिये पिछली उपज के आँकड़े उपलब्ध हैं।
- बीमा किस्त : इस योजना के तहत किसानों द्वारा दी जाने वाली निर्धारित बीमा किस्त/प्रीमियम-खरीफ की सभी फसलों के लिये 2% और सभी रबी फसलों के लिये 5% है। वार्षिक वाणिज्यिक तथा बागवानी फसलों के मामले में बीमा किस्त 5% है।
- किसानों की देयता के बाद बची बीमा किस्त की लागत का वहन राज्यों और केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप बराबर साझा किया जाता है।
- हालाँकि, पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के तहत बीमा किस्त सब्सिडी का 90% हिस्सा वहन किया जाता है।
- अधिसूचित फसलों हेतु फसल ऋण/किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) खाते में ऋण लेने वाले किसानों के लिये इस योजना को अनिवार्य बनाया गया है, जबकि अन्य किसान स्वेच्छा से इस योजना से जुड़ सकते हैं।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3