बांग्लादेश की प्रधानमंत्री की भारत यात्रा
दोनों देशों के बीच हुए समझौतों/समझौता ज्ञापनों की सूची
- जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार और जल संसाधन मंत्रालय, बांग्लादेश सरकार के बीच सीमा पर बहने वाली कुशियारा नदी से पानी की निकासी के संबंध में भारत और बांग्लादेश के बीच समझौता ज्ञापन किया गया।
- भारत में बांग्लादेश रेलवे के कर्मियों के प्रशिक्षण के संबंध में रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड), भारत सरकार और रेल मंत्रालय, बांग्लादेश सरकार के बीच समझौता ज्ञापन।
- रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड), भारत सरकार और रेल मंत्रालय, बांग्लादेश सरकार के बीच बांग्लादेश रेलवे के लिए एफओआईएस जैसी आईटी प्रणालियों एवं अन्य आईटी अनुप्रयोगों में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन।
- बांग्लादेश के न्यायिक अधिकारियों के लिए भारत में प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम के संबंध में राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भारत और बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट के बीच समझौता ज्ञापन।
- भारत और बांग्लादेश के बीच वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी संबंधी सहयोग पर समझौता ज्ञापन।
- अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग पर समझौता ज्ञापन
उद्धाटित / घोषित / अनावृत परियोजनाओं की सूची
- मैत्री बिजली संयंत्र का अनावरण– रामपाल, खुलना में 1320 (660×2) मेगावाट क्षमता वाले सुपर क्रिटिकल कोयला आधारित ताप बिजली संयंत्र की स्थापना लगभग 2 बिलियन डॉलर की अनुमानित लागत से की जा रही है, जिसमें 6 बिलियन डॉलर की राशि रियायती वित्त पोषण के तहत भारतीय विकास सहायता के रूप में होगी।
- रूपशा पुल का उद्घाटन– 13 किलोमीटर लंबा रूपशा रेल पुल 64.7 किलोमीटर लंबे खुलना–मोंगला बंदरगाह सिंगल ट्रैक ब्रॉड गेज रेल परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो पहली बार मोंगला बंदरगाह को रेल माध्यम से खुलना से और उसके बाद मध्य व उत्तर बांग्लादेश तक तथा भारत की सीमा में पश्चिम बंगाल के पेट्रापोल और गेदे तक को जोड़ता है।
- सड़क निर्माण संबंधी उपकरण और मशीनरी की आपूर्ति– इस परियोजना के अंतर्गत बांग्लादेश सड़क और राजमार्ग विभाग को 25 पैकेजों में सड़क रख-रखाव और निर्माण उपकरणों व मशीनरी की आपूर्ति शामिल है।
- खुलना दर्शना रेलवे लाइन लिंक परियोजना– यह परियोजना वर्तमान में गेदे–दर्शना में क्रॉस बॉर्डर रेल लिंक को खुलना से जोड़ने वाली मौजूदा अवसंरचना (ब्रॉड गेज का दोहरीकरण) का उन्नयन है, इस प्रकार दोनों देशों के बीच, विशेष रूप से ढाका तक लेकिन भविष्य में मोंगला पोर्ट के लिए भी रेल संपर्क में वृद्धि होगी। इस परियोजना की लागत 48 मिलियन डॉलर आंकी गई है।
- पार्बतीपुर– कौनिया रेलवे लाइन– मौजूदा मीटर गेज लाइन को ब्रॉड गेज लाइन में परिवर्तित करने की परियोजना पर41 मिलियन डॉलर की लागत आने का अनुमान है। यह परियोजना बिरोल (बांग्लादेश)-राधिकापुर (पश्चिम बंगाल) में मौजूदा क्रॉस बार्डर रेल से जुड़ेगी और इससे द्विपक्षीय रेल संपर्क में वृद्धि होगी।
Note: यह सूचना प्री में एवं मेंस के GS -2, के “भारत और उसके पड़ोसी से संबंध” वाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।