वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण व कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज (13 जनवरी, 2022) को नई दिल्ली में ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय व्यापार राज्य सचिव माननीय ऐनी मैरी ट्रेवेलियन के साथ यूनाइटेड किंगडम के साथ मुक्त व्यापार समझौता वार्ता शुरू की। एफटीए से 2030 तक भारत और यूके के बीच द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने के लक्ष्य को सुगम बनाने की उम्मीद है। इसे दोनों देशों के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और श्री बोरिस जॉनसन ने मई 2021 में निर्धारित किया था।
इस अवसर पर श्री पीयूष गोयल ने कहा कि हमारे साझा इतिहास और समृद्ध संस्कृति पर बनी साझेदारी के साथ भारत और यूके दोनों जीवंत लोकतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि यूके में विभिन्न भारतीय प्रवासी हैं जो “लिविंग ब्रिज” के रूप में काम करते हैं और दोनों देशों के बीच संबंधों में और गतिशीलता को बढ़ाते हैं।
मंत्री ने कहा कि यूके के साथ एफटीए से निश्चितता, पूर्वानुमेयता और पारदर्शिता प्रदान करने की उम्मीद है और यह एक अधिक उदार, सुविधाजनक और प्रतिस्पर्धी सेवा व्यवस्था बनाएगा।
श्री गोयल ने कहा कि यूके के साथ एफटीए वार्ता से चमड़ा, कपड़ा, आभूषण और प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों में हमारे निर्यात में वृद्धि की आशा की जाती है। उन्होंने कहा कि भारत की 56 समुद्री इकाइयों की मान्यता से समुद्री उत्पादों के निर्यात में भी भारत को भारी उछाल मिलने की उम्मीद है।
मंत्री ने कहा कि फार्मा पर आपसी मान्यता समझौते (एमआरए) अतिरिक्त बाजार तक पहुंच प्रदान कर सकते हैं। इससे आयुष और ऑडियो-विजुअल सेवाओं सहित आईटी/आईटीईएस, नर्सिंग, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे सेवा क्षेत्रों में निर्यात बढ़ाने की भी काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत भी अपने लोगों की आवाजाही के लिए विशेष व्यवस्था की मांग करेगा।
मंत्री ने आश्वासन दिया कि एफटीए के प्रथम प्रस्तुतीकरण के बाद दोनों देश व्यापार सौदे के दायरे और कवरेज पर चर्चा के लिए लगातार और नियमित रूप से एक-दूसरे से जुड़ेंगे। यह देखते हुए कि यूके भारत का प्रमुख व्यापार भागीदार था, जिसमें वस्तुओं और सेवाओं में व्यापार की पर्याप्त मात्रा थी। इस पर श्री गोयल ने कहा कि पर्यटन, तकनीक, स्टार्टअप, शिक्षा, जलवायु परिवर्तन आदि जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाया गया है और दोनों देश विभिन्न क्षेत्रों में संतुलित रियायतों और बाजार पहुंच पैकेज के साथ पारस्परिक रूप से लाभप्रद व्यापार समझौते की उम्मीद करते हैं।
बाजार पहुंच के मुद्दों को संबोधित करके और व्यापार प्रतिबंधों को हटाकर क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने का आह्वान करते हुए श्री गोयल ने कहा कि इससे दोनों देशों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करने में मदद मिलेगी।
मंत्री ने कहा कि भारत यूके एफटीए मूल्य श्रृंखलाओं को एकीकृत करने में भी योगदान देगा और आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन को मजबूत करने के हमारे पारस्परिक प्रयासों को बढ़ाने में मदद करेगा। यह याद दिलाते हुए कि दोनों देशों के नेताओं ने 2022 की शुरुआत में एफटीए वार्ता शुरू करने की कल्पना की थी, श्री गोयल ने एफटीए वार्ता शुरू करने की घोषणा करने के लिए समयबद्ध तरीके से चर्चाओं का सफल समापन पर प्रसन्नता जताई।
मंत्री ने यह भी बताया कि एफटीए वार्ता में दोनों देशों में व्यवसायों को लाभ पहुंचाने के लिए त्वरित लाभ देने के लिए अंतरिम समझौते की संभावना का पता लगाने पर भी सहमति हुई थी। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास दोनों देशों में हमारे छोटे, मध्यम और सूक्ष्म उद्यमों को लाभ पहुंचाने के लिए व्यापक, संतुलित, निष्पक्ष और न्यायसंगत एफटीए मुहैया करना है।
- मुक्त व्यापार समझौता (FTA)
- यह दो या दो से अधिक देशों के बीच आयात और निर्यात में बाधाओं को कम करने हेतु किया गया एक समझौता है।
- एक मुक्त व्यापार नीति के तहत वस्तुओं और सेवाओं को अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के पार खरीदा एवं बेचा जा सकता है, जिसके लिये बहुत कम या न्यून सरकारी शुल्क, कोटा तथा सब्सिडी जैसे प्रावधान किये जाते हैं।
- मुक्त व्यापार की अवधारणा व्यापार संरक्षणवाद या आर्थिक अलगाववाद (Economic Isolationism) के विपरीत है।
- भारत तथा मुक्त व्यापार समझौते :
- नवंबर 2019 में भारत के क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) से बाहर होने के बाद, 15 सदस्यीय FTA समूह जिसमें जापान, चीन और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं, भारत के लिये निष्क्रिय हो गया।
- लेकिन मई 2021 में यह घोषणा हुई कि भारत-यूरोपीय संघ की वार्ता, जो 2013 से रुकी हुई थी, फिर से शुरू की जाएगी।
- कार्य संबंधी इन विभिन्न पहलुओं को आगे बढ़ाने के लिये दोनों पक्ष अब आंतरिक तैयारियों में लगे हुए हैं।
- भारत के द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के साथ बातचीत की जा रही है।
- यूएई के साथ यह समझौता ‘अंतिम रूप देने के करीब’ था जबकि ऑस्ट्रेलिया के साथ एफटीए ‘बहुत उन्नत चरण’ में था।
- भारत के अन्य महत्त्वपूर्ण व्यापार समझौते :
- भारत और मॉरीशस के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग और भागीदारी समझौता (सीईसीपीए)।
- दक्षिण एशिया तरजीही व्यापार समझौता (SAPTA) : यह सदस्य देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिये 1995 में लागू हुआ था।
- दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (साफ्टा) : यह मुक्त व्यापार समझौता, सूचना प्रौद्योगिकी जैसी सभी सेवाओं को छोड़कर, सामान तक ही सीमित है। वर्ष 2016 तक सभी व्यापारिक वस्तुओं के सीमा शुल्क को शून्य करने के लिये समझौते पर हस्ताक्षर किये गए थे।
- एशिया प्रशांत व्यापार समझौता (एपीटीए) :
- बैंकाक समझौता, यह एक तरजीही टैरिफ व्यवस्था है जिसका उद्देश्य सदस्य देशों द्वारा पारस्परिक रूप से सहमत रियायतों के आदान-प्रदान के माध्यम से अंतर-क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देना है।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.2