भारत और फिलीपींस के जनवरी 2022 के अंतिम सप्ताह में ‘ब्रह्मोस शोर-आधारित सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम’ आपूर्ति के लिए $374.9 मिलियन के सौदे पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद है।
मुख्य बिंदु
चीन के साथ क्षेत्रीय संघर्ष के बीच अपनी रक्षा को मजबूत करने के लिए फिलीपींस की योजना के हिस्से के रूप में इस सौदे पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
इस सौदे में मिसाइलों और लॉन्चरों की एक अनिर्दिष्ट संख्या, भुगतान अनुसूची, स्पेयर पार्ट्स और वितरण और प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल होंगे।
इससे पहले, फिलीपींस के राष्ट्रीय रक्षा विभाग ने एक ‘नोटिस ऑफ अवार्ड’ प्रकाशित किया, जिसमें ब्रह्मोस को अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया था। इसका मतलब है कि फिलीपींस ने भारतीय प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और अब वह अनुबंध पर हस्ताक्षर करना चाहता है।
सौदे पर हस्ताक्षर करने के लिए एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का मनीला जाने का कार्यक्रम है। इस सौदे से ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के लिए पहला निर्यात ऑर्डर किया जाएगा, जिसकी मारक क्षमता 290 किलोमीटर है।
यह सौदा जहाज-रोधी मिसाइल प्रणाली के तट-आधारित संस्करण के लिए है।
यह बढ़ती चीनी आक्रामकता की पृष्ठभूमि में फिलीपींस की रक्षा क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगा।
भारत-फिलीपींस ब्रह्मोस सौदा-पृष्ठभूमि
भारत और फिलीपींस पिछले कुछ सालों से ब्रह्मोस के लिए बातचीत कर रहे थे। हालाँकि, दिसंबर 2020 में, इसमें कुछ स्थिरता आयी। फिलीपींस ने कोविड-19 महामारी के कारण बजटीय सीमाओं का हवाला दिया। यह सौदा मार्च 2021 में दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित रक्षा समझौते का एक हिस्सा है
ब्रह्मोस मिसाइल :
- इसका नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मोस्कवा नदी के नाम पर रखा गया है। ब्रह्मोस मिसाइलों को ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा डिज़ाइन, विकसित और निर्मित किया गया है।
- ब्रह्मोस एयरोस्पेस एक संयुक्त उद्यम कंपनी है जिसकी स्थापना रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (The Defence Research and Development Organisation) और रूस की मशिनोस्ट्रोयेनिया (Mashinostroyenia) ने की है।
- यह मध्यम दूरी की सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल है जिसे पनडुब्बियों, जहाज़ों, विमानों या ज़मीन से लॉन्च किया जा सकता है।
- क्रूज़ मिसाइल पृथ्वी की सतह के समानांतर चलते हैं और उनका निशाना बिल्कुल सटीक होता है।
- गति के आधार पर ऐसी मिसाइलों को उपध्वनिक/सबसोनिक (लगभग 8 मैक), पराध्वनिक/सुपरसोनिक (2-3 मैक) और अतिध्वनिक/हाइपरसोनिक (5 मैक से अधिक) क्रूज मिसाइलों के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- यह विश्व की सबसे तेज़ सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल है, साथ ही सबसे तेज़ क्रियाशील एंटी-शिप क्रूज़ मिसाइल भी है।
- यह मिसाइल ‘दागो और भूल जाओ’ (Fire and Forget) के सिद्धांत पर कार्य करती है, अर्थात् इसे लॉन्च करने के बाद आगे मार्गदर्शन की आवश्यकता नहीं होती है।
- इसकी वास्तविक रेंज 290 किलोमीटर है परंतु लड़ाकू विमान से दागे जाने पर यह लगभग 400 किलोमीटर की दूरी तक पहुँच जाती है। भविष्य में इसे 600 किलोमीटर तक बढ़ाने की योजना है।
- ब्रह्मोस के विभिन्न संस्करण, जिनमें भूमि, युद्धपोत, पनडुब्बी और सुखोई-30 लड़ाकू जेट शामिल हैं, जिनको को पहले ही विकसित किया जा चुका है तथा अतीत में इसका सफल परीक्षण किया जा चुका है।
- 5 मैक की गति तक पहुँचने में सक्षम मिसाइल का हाइपरसोनिक संस्करण विकासशील है।
SOURCE-INDIAN EXPRESS
PAPER-G.S.3