भ्रष्टाचार के आरोपी 600 अफसरों पर केस की मंजूरी के इंतजार में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी)
- भ्रष्टाचार के आरोपी 600 से ज्यादा अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा चलाने के लिए 171 मामले विभिन्न सरकारी विभागों की मंजूरी के लिए लंबित हैं।
- केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की वार्षिक रिपोर्ट 2021 में यह खुलासा किया गया है। इन मामलों की जांच सीबीआई कर रही है।
- रिपोर्ट में कहा गया है, आयोग द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत विभिन्न संगठनों के लिए अभियोजन के लिए लंबित मामलों की प्रगति की समीक्षा की जाती है। कुल लंबित मामलों में से 82 ऐसे हैं, जिनमें कथित रूप से भ्रष्ट 350 अधिकारियों के मामले तीन महीने से ज्यादा समय से अनिर्णीत हैं, जबकि ऐसे मामलों पर निर्णय की समय सीमा तीन माह ही होती है।
केन्द्रीय सतर्कता आयोग :
स्थापना कब और क्यों की गयी?
- सतर्कता के क्षेत्र में केंद्रीय सरकारी एजेंसी को सलाह तथा मार्गदर्शन देने हेतु, श्री के संथानम की अध्यक्षता वाली भ्रष्टाचार निवारण समिति की सिफारिशों पर सरकार ने फरवरी, 1964 में केन्द्रीय सतर्कता आयोग की स्थापना की।
- केन्द्रीय सतर्कता आयोग की अवधारणा एक शीर्षस्थ सतर्कता संस्थान के रूप में की गई है जो किसी भी कार्यकारी प्राधिकारी के नियंत्रण से मुक्त है तथा केन्द्रीय सरकार के अन्तर्गत सभी सतर्कता गतिविधियों की निगरानी करता है एवं केन्द्रीय सरकारी संगठनों में विभिन्न प्राधिकारियों को उनके सतर्कता कार्यों की योजना बनाने, निष्पादन करने, समीक्षा करने तथा सुधार करने में सलाह देता है।
- राष्ट्रपति द्वारा एक अध्यादेश जारी किए जाने के फलस्वरूप केन्द्रीय सतर्कता आयोग को 25 अगस्त, 1988 को ‘’सांविधिक दर्जा’’ देकर एक बहुसदस्यीय आयोग बनाया गया है।
केन्द्रीय सतर्कता आयोग का वर्तमान दर्जा क्या है?
- केन्द्रीय सतर्कता आयोग विधेयक, संसद के दोनों सदनों द्वारा वर्ष 2003 में पास किया गया तथा राष्ट्रपति ने 11 सितम्बर, 2003 को इस विधेयक को स्वीकृति दी। इस प्रकार, केन्द्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम, 2003 उसी तिथि से प्रभावी हुआ।
- अप्रैल, 2004 के ‘’लोकहित प्रकटीकरण एवं मुखबिर संरक्षण’’ पर भारत सरकार के संकल्प द्वारा भारत सरकार ने भ्रष्टाचार के किसी भी आरोप को प्रकट करने अथवा कार्यालय का दुरूपयोग करने सम्बन्धित लिखित शिकायतें प्राप्त करने तथा उचित कार्रवाई की सिफारिश करने वाली एक ‘’नामित एजेंसी’’ के रूप में केन्द्रीय सतर्कता आयोग को प्राधिकृत किया है।
आयोग की संरचना निम्न है :
- एक केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त – अध्यक्ष
- सतर्कता आयुक्त जिनकी संख्या दो से अधिक नहीं होगी – सदस्य
Note: यह सूचना प्री में एवं मेंस के GS -2, के “पारदर्शिता और जवाबदेही और संस्थागत और अन्य उपाय” वाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।