प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने महान गायिका लता मंगेशकर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने उनके परिवार से बात करते हुए अपनी संवेदना व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाली पीढ़ियां उन्हें भारतीय संस्कृति के एक दिग्गज के रूप में हमेशा याद रखेगी, उनकी सुरीली आवाज में लोगों को मंत्रमुग्ध करने की अद्वितीय क्षमता थी।
लता मंगेशकर (28 सितंबर 1929 – 6 फ़रवरी 2022) भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका थीं, जिनका छः दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है। हालाँकि लता जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फ़िल्मी और गैर-फ़िल्मी गाने गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायिका के रूप में रही है। अपनी बहन आशा भोंसले के साथ लता जी का फ़िल्मी गायन में सबसे बड़ा योगदान रहा है। लता की जादुई आवाज़ के भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ पूरी दुनिया में दीवाने हैं। टाईम पत्रिका ने उन्हें भारतीय पार्श्वगायन की अपरिहार्य और एकछत्र साम्राज्ञी स्वीकार किया है। भारत सरकार ने उन्हें ‘भारतरत्न’ से सम्मानित किया था। इनकी मृत्यु कोविड से जुड़े जटिलतों से 6 फरवरी 2022 को मुम्बई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में हुई। वे कुछ समय से बीमार थीं। उनकी महान गायकी और सुरम्य आवाज के दीवाने पूरी दुनिया मे है। प्यार से उन्हें ‘लता दीदी’ कहकर पुकारते हैं।
विविध
- पिता दिनानाथ मंगेशकर शास्त्रीय गायक थे।
- उन्होंने अपना पहला गाना मराठी फिल्म ‘किती हसाल’ (कितना हसोगे?) (1942) में गाया था।
- लता मंगेशकर को सबसे बड़ा ब्रेक फिल्म महल से मिला। उनका गाया “आयेगा आने वाला” सुपर डुपर हिट था।
- लता मंगेशकर अब तक 20 से अधिक भाषाओं में 30000 से अधिक गाने गा चुकी हैं।
- लता मंगेशकर ने 1980 के बाद से फिल्मों में गाना कम कर दिया और स्टेज शो पर अधिक ध्यान देने लगी।
- लता ही एकमात्र ऐसी जीवित व्यक्ति थीं जिनके नाम से पुरस्कार दिए जाते हैं।
- लता मंगेशकर ने आनंद घन बैनर तले फिल्मों का निर्माण भी किया है और संगीत भी दिया है।
- वे हमेशा नंगे पाँव गाना गाती थीं।
पुरस्कार
- फिल्म फेयर पुरस्कार (1958, 1962, 1965, 1969, 1993 and 1994)
- राष्ट्रीय पुरस्कार (1972, 1975 and 1990)
- महाराष्ट्र सरकार पुरस्कार (1966 and 1967)
- 1969 – पद्म भूषण
- 1974 – दुनिया में सबसे अधिक गीत गाने का गिनीज़ बुक रिकॉर्ड
- 1989 – दादा साहब फाल्के पुरस्कार
- 1993 – फिल्म फेयर का लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार
- 1996 – स्क्रीन का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
- 1997 – राजीव गान्धी पुरस्कार
- 1999 – एन.टी.आर. पुरस्कार
- 1999 – पद्म विभूषण
- 1999 – ज़ी सिने का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
- 2000 – आई. आई. ए. एफ. का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
- 2001 – स्टारडस्ट का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
- 2001 – भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न”
- 2001 – नूरजहाँ पुरस्कार
- 2001 – महाराष्ट्र भूषण
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.1PRE