पर्यटन मंत्रालय ने देश में इको-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्वदेश दर्शन योजना के तहत विकास के लिए 15 विषयगत परिपथों (सर्किट) में से एक के रूप में इको सर्किट की पहचान की है। मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन में इको विषयवस्तु के तहत 6 परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
पर्यटन मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) और भारतीय जिम्मेदार पर्यटन सोसायटी (आरटीएसओआई) के साथ 27 सितंबर, 2021 को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका उद्देश्य एक-दूसरे के पर्यटन क्षेत्र में ‘स्थायी पहलों’ को सक्रिय रूप से बढ़ावा देने व समर्थन करने के उपाय करना और यथासंभव सहयोगात्मक तरीके से काम करना है।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने बताया है कि उसने वन व वन्यजीव क्षेत्रों में सतत इको पर्यटन के लिए दिशानिर्देश-2021 जारी किए हैं। इन दिशानिर्देशों में इको पर्यटन योजना तैयार करने का प्रावधान है। इसमें इको पर्यटन स्थल का वहन क्षमता विश्लेषण आधारित विवरण शामिल है। इसके अलावा इसमें संबंधित राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के इको पर्यटन स्थलों की नियमित निगरानी का भी प्रावधान शामिल है।
स्वदेश दर्शन योजना :
- केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने वर्ष 2014-15 में पर्यटन स्थलों के थीम आधारित एकीकृत विकास के लिये ‘स्वदेश दर्शन योजना’ की शुरूआत की थी।
- देश में बौद्ध स्थलों की पहचान स्वदेश दर्शन योजना के तहत 15 विषयगत सर्किटों में से एक के रूप में की गई है।
प्रसाद (PRASHAD) योजना :
- केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने वर्ष 2014-2015 में तीर्थस्थल संरक्षण एवं आध्यात्मिक विकास के लिये ‘प्रसाद’ (Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual, Heritage Augmentation Drive- PRASHAD) परियोजना की शुरूआत की है।
- बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये विभिन्न परियोजनाओं को भी प्रसाद योजना के तहत शुरू किया गया है।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.1PRE