5 वर्षों में दोगुनी से ज्यादा हो गए साइबर क्राइम
- देश में टेक्नोलाजी (Technology) के क्षेत्र में विकास के साथ-साथ साइबर अपराध (Cyber Crimes) भी पांव पसारने लगा है। आज पूरे देश में साइबर अपराध एक प्रमुख मुद्दा बनकर उभरा है।
- साइबर अपराधी भोले–भाले लोगों को ठगने के लिए नए–नए तरीके खोजते रहते हैं, जो पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। इन अपराधियों को ट्रैक करना भी मुश्किल हो जाता है।
- NCRB के आंकड़ों के अनुसार, साइबर अपराध के मामले 2018 की तुलना में 21,796 से बढ़कर 2020 में 50,035 हो गए हैं।
साइबर अपराध पर गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट:
- उल्लेखनीय है कि गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पुलिस को अपराधियों द्वारा अपनाए गए नए तौर–तरीकों और टेक्नोलाजी के उपयोग को ध्यान में रखना होगा।
- समिति ने बढ़ते मामलों पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है और कहा है कि इन खतरों से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को एक साथ आने की जरूरत है।
- रिपोर्ट में साइबर अपराध के खतरे से लड़ने के लिए कई राज्यों में पर्याप्त बुनियादी ढांचे की कमी का भी खुलासा किया गया है।
- इसमें कहा गया है कि पंजाब, राजस्थान, गोवा, असम में एक भी साइबर क्राइम सेल नहीं है, जबकि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में सिर्फ एक या दो की स्थापना की गई है।
Note: यह सूचना प्री में एवं मेंस के GS -3, के “आंतरिक सुरक्षा के साइबर अपराध” वाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।