आर्द्रभूमि के संरक्षण के लिए “संपूर्ण समाज” के दृष्टिकोण के रूप में ‘आर्द्रभूमि बचाओ अभियान’ प्रारम्भ
- केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव, ने गोवा के मुख्यमंत्री की उपस्थिति में ‘आर्द्रभूमि बचाओ अभियान‘ का शुभारंभ किया। यह अभियान अगले एक वर्ष के दौरान वेटलैंड्स का संरक्षण करने के लिए “सम्पूर्ण समाज” के दृष्टिकोण के साथ ही समाज के सभी स्तरों पर आर्द्रभूमि संरक्षण के लिए सकारात्मक कार्यों को सक्षम बनाते हुए समाज के सभी स्तरों को इस अभियान में शामिल करता है।
विश्व आर्द्रभूमि दिवस के बारे में:
- वर्ष 1971 में अंतर्राष्ट्रीय महत्व की वेटलैंड्स पर रामसर कन्वेंशन पर हस्ताक्षर करने के उपलक्ष्य में हर वर्ष 2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस जाता है।
- भारत 1982 से इस कन्वेंशन का एक पक्ष है और अब तक 23 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को समाहित करते हुए 75 वेटलैंड्स को रामसर साइट घोषित कर चुका है।
- वर्ल्ड वेटलैंड्स डे के लिए 2023 की विषयवस्तु ‘वेटलैंड रिस्टोरेशन‘ है, जो इस प्रक्रिया को प्राथमिकता देने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालती है। यह एक पूरी पीढ़ी के लिए आह्वान है कि आर्द्रभूमियों को विलुप्त होने से बचाने के लिए वित्तीय, मानवीय और राजनीतिक पूंजी निवेश करके आर्द्रभूमियों के लिए सक्रिय कार्रवाई करें और जो खराब स्थिति में पहुँच चुकी हैं उन्हें पुनर्जीवित और पुनर्स्थापित करें।
- उल्लेखनीय है कि भारत के पास एशिया में रामसर साइटों का सबसे बड़ा नेटवर्क है, जो इन साइटों को वैश्विक जैविक विविधता के संरक्षण और मानव कल्याण का समर्थन करने के लिए एक महत्वपूर्ण पारिस्थितिक नेटवर्क बनाता है।
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 2022 में सहभागिता मिशन शुरू किया जो ‘राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व की 75 आर्द्रभूमियों के एक स्वस्थ और प्रभावी ढंग से प्रबंधित नेटवर्क’ का अभियान है।