आतंकवाद से निपटने एवं पूर्वोत्तर में शांति का माहौल बनाने की दिशा में सरकार के प्रयास
- केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने 19 दिसंबर को कहा कि भारत सरकार की नीति ‘आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस‘ पर केन्द्रित है।
- श्री ठाकुर ने अपने आवास पर आतंकवाद से निपटने एवं पूर्वोत्तर में शांति का माहौल बनाने की दिशा में सरकार के प्रयासों पर मीडिया को विस्तृत जानकारी दी।
आतंकवाद के खिलाफ सरकार के प्रयास:
- सरकार ने जहां UAPA (Unlawful Activity Prevention Act) को मजबूत करने के लिए कानूनी मोर्चे पर काम किया है, वहीं प्रवर्तन स्तर पर भी विभिन्न कदम उठाए गए हैं; राष्ट्रीय जांच एजेंसी (संशोधन) अधिनियम को पेश करके राष्ट्रीय जांच एजेंसी को वास्तविक तौर पर एक संघीय संरचना दी गयी है। इन उपायों का सामूहिक प्रभाव, आतंकवाद के इकोसिस्टम को कमजोर कर रहा है।
- भारत ने उच्चतम वैश्विक स्तर पर अपनी चिंताओं को उठाया है, उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों और बैठकों में, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने के लिए हमेशा दबाव डाला है।
- 90वीं इंटरपोल महासभा में 2000 से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसका समापन ‘आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई‘ की घोषणा के साथ हुआ।
- आतंक के खिलाफ सरकार के संकल्प को सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर बालाकोट स्ट्राइक तक बार–बार प्रदर्शित किया गया है।
- हमारे सशस्त्र बलों की कार्रवाई से जम्मू–कश्मीर में आतंकी घटनाओं में भारी कमी दर्ज की गयी है।
- आतंकवाद को वित्तीय मदद देने के मामलों में सजा की दर 94 प्रतिशत तक हासिल की गयी है।
पूर्वोत्तर में शांति स्थापना का प्रयास:
- केन्द्रीय मंत्री ने पूर्वोत्तर में शांति का माहौल बनाने की दिशा में सरकार के प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि 2014 से उग्रवाद प्रभावित हिंसा में 80 प्रतिशत और नागरिकों की मौतों में 89 प्रतिशत की भारी गिरावट आने की वजह से भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति का एक युग शुरू हो गया है।
- इसके अलावा, उन्होंने 2014 के बाद से छह हजार उग्रवादियों द्वारा आत्मसमर्पण की उपलब्धि को भी रेखांकित किया।
- सरकार आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सशस्त्र कार्रवाई से आगे जाने के लिए प्रतिबद्ध है और उसने पूरे क्षेत्र में स्थायी शांति का माहौल बनाने के लिए शांति समझौते करने पर बल दिया हैं।
- सरकार द्वारा हस्ताक्षरित शांति समझौते:
- बोडो समझौते पर जनवरी 2020 में हस्ताक्षर किए गए,
- ब्रू-रियांग समझौता जनवरी 2020,
- एनएलएफटी-त्रिपुरा समझौता, अगस्त 2019 में,
- कार्बी आंगलोंग समझौता, सितंबर 2021,
- असम-मेघालय अंतर-राज्यीय सीमा समझौता, मार्च 2022 में।