अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) योजना
- अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (AMRUT) को 25 जून 2015 को देश भर के चुनिंदा 500 शहरों और कस्बों में लॉन्च किया गया था।
- यह मिशन चयनित शहरों और कस्बों में जलापूर्ति; सीवरेज और सेप्टेज प्रबंधन; वर्षा जल की निकासी; हरित स्थान और पार्क; और गैर–मोटर चालित शहरी परिवहन के क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास पर केंद्रित है। मिशन में शहरी सुधार और क्षमता निर्माण का एक सेट शामिल किया गया है।
- आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने संपूर्ण मिशन अवधि के लिए 77,640 करोड़ रुपये की राशि के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की राज्य वार्षिक कार्य योजनाओं को मंजूरी दे दी है, जिसमें 35,990 करोड़ रुपये की प्रतिबद्ध केंद्रीय सहायता शामिल है।
- इसके अलावा, लगभग 66,313 करोड़ रुपये के समग्र कार्य भौतिक रूप से पूरे किए गए हैं और 59,615 करोड़ रुपये का व्यय किया गया है।
- अब तक अमृत के जरिए 134 लाख पानी के नल कनेक्शन और 102 लाख सीवर कनेक्शन दिए जा चुके हैं।
- अमृत मिशन को अमृत 2.0 के तहत शामिल किया गया है, जिसे 01 अक्टूबर, 2021 को लॉन्च किया गया और अमृत 1.0 की चल रही परियोजनाओं को 31 मार्च, 2023 तक केंद्रीय सहायता के साथ वित्त पोषित किया जाएगा।
अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) 2.0 योजना:
- अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) 2.0 योजना, जो 01 अक्टूबर, 2021 को 05 वर्ष की अवधि के लिए अर्थात वित्तीय वर्ष 2021-22 से वित्तीय वर्ष 2025-26 तक के लिए शुरू की गई है, देश के सभी वैधानिक शहरों में सभी घरों में कार्यात्मक नलों के माध्यम से पानी की आपूर्ति का सार्वभौमिक कवरेज प्रदान करने और अमृत योजना के पहले चरण में शामिल 500 शहरों में सीवरेज/सेप्टेज प्रबंधन की कवरेज के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- अमृत 2.0 प्रत्येक शहर के लिए सिटी वाटर बैलेंस प्लान (CWBP) के विकास के माध्यम से जल की चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा, जो उपचारित सीवेज के पुनर्चक्रण/ पुनरुपयोग, जल निकायों के कायाकल्प और जल संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करेगा।
- यह शहरों को कार्यात्मक जल नल कनेक्शन, जल स्रोत संरक्षण, जल निकायों और कुओं के कायाकल्प, उपयोग किए गए पानी के पुनर्चक्रण/पुन: उपयोग, और वर्षा जल संचयन के सार्वभौमिक कवरेज पर ध्यान केंद्रित करने वाली परियोजनाओं के दायरे की पहचान करने में मदद करेगा।
- अमृत 2.0 के लिए कुल सांकेतिक परिव्यय 2,99,000 करोड़ रुपये है, जिसमें पाँच वर्षों के लिए 76,760 करोड़ रुपये का केंद्रीय हिस्सा शामिल है। इस परिव्यय में मार्च 2023 तक अमृत की चल रही परियोजनाओं के लिए 22,000 करोड़ रुपये (केंद्रीय सहायता के रूप में 10,000 करोड़ रुपये) का वित्त पोषण शामिल है।
- आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री श्री कौशल किशोर ने 22 दिसंबर को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।