बागवानी क्लस्टर विकास कार्यक्रम
- केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने बागवानी क्लस्टर विकास कार्यक्रम (सीडीपी) तैयार किया है, जिसके समुचित क्रियान्वयन के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई।
- बैठक में कृषि मंत्री ने संबंधित अधिकारियों से कहा कि देश में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना व किसानों को उपज के वाजिब दाम दिलाते हुए उनकी आय बढ़ाना सरकार का मुख्य उद्देश्य है, इसलिए किसी भी कार्यक्रम/योजना के केंद्र में किसानों का हित सर्वोपरि होना चाहिए।
- कृषि मंत्री ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, मिजोरम, झारखंड, उत्तराखंड आदि राज्यों को भी उनकी केंद्रित/मुख्य फसल के साथ चिन्हित किए गए 55 कलस्टरों की सूची में शामिल किया जाना चाहिए।
- उन्होंने इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम को फसल विविधीकरण तथा उपज बिक्री के लिए बाजार से लिंक करने तथा क्षमतावर्धन पर भी जोर दिया।
- बैठक में बताया गया कि क्लस्टर विकास कार्यक्रम में बागवानी उत्पादों की कुशल और समय पर निकासी तथा परिवहन के लिए मल्टी मॉडल परिवहन के उपयोग के साथ अंतिम–मील संपर्कता का निर्माण करके समग्र बागवानी पारिस्थितिकी तंत्र को बदलने की एक बड़ी क्षमता है।
- सीडीपी अर्थव्यवस्था में सहायक होने के साथ ही क्लस्टर–विशिष्ट ब्रांड भी बनाएगा ताकि उन्हें राष्ट्रीय व वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में शामिल किया जा सकें, जिससे किसानों को अधिक पारिश्रमिक मिल सके।
- सीडीपी से लगभग 10 लाख किसानों और मूल्य श्रृंखला के संबंधित हितधारकों को लाभ होगा।
- सीडीपी का लक्ष्य लक्षित फसलों के निर्यातों में लगभग 20% का सुधार करना। सीडीपी के माध्यम से बागवानी क्षेत्र में काफी निवेश भी आ सकेगा।
Note: यह सूचना प्री में एवं मेंस के GS -3, के “प्रमुख फसलें – देश के विभिन्न हिस्सों में फसल पैटर्न” वाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।