भारत और जर्मनी के मध्य विदेश मंत्री स्तर की वार्ता
- विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर और जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक के बीच 5 दिसंबर को नई दिल्ली में बैठक हुई। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और कई महत्वपूर्ण क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर अपने विचारों का आदान प्रदान किया।
- दोनों देशों ने प्रवासन और गतिशीलता समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे दोनों देशों के लोगों को एक–दूसरे के देश में अध्ययन, अनुसंधान और काम करने के लिए आसान पहुंच की सुविधा मिल सकेगी।
- डॉक्टर एस जयशंकर ने बैठक के बाद संयुक्त सम्मेलन में कहा कि दोनों पक्षों ने जलवायु परिवर्तन, यूक्रेन में संघर्ष, हिंद–प्रशांत रणनीतिक स्थिति और अफगानिस्तान, ईरान तथा सीरिया के हालात पर चर्चा की। उन्होंने बताया दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार सहित विभिन्न बहुपक्षीय सुधारों पर चर्चा की।
- श्री जयशंकर ने हिंद–प्रशांत महासागर पहल में शामिल होने के जर्मनी के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने अधिक विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला बनाने और मौजूदा चुनौतीपूर्ण स्थिति में वैश्विक अर्थव्यवस्था को सुरक्षित करने पर भी चर्चा की।
- इस अवसर पर जर्मनी की विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच घनिष्ठ संबंध हैं। उन्होंने जी-20 की अध्यक्षता संभालने के लिए भारत को धन्यवाद दिया और इसे अत्यंत विशेष कार्य बताया।
- जर्मनी की विदेश मंत्री ने कहा कि जब दुनिया रूस–यूक्रेन संघर्ष का सामना कर रही है और ऊर्जा तथा उर्वरक आपूर्ति में संकट की स्थिति बनी हुई है, भारत ने बहुत ही चुनौतीपूर्ण स्थिति में अध्यक्ष पद संभाला है।
- इससे पहले एक बयान में जर्मन विदेश मंत्री ने रूस–यूक्रेन संघर्ष के खिलाफ स्पष्ट रुख अपनाने में जी-20 की मदद करने में भारत की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत ने दिखाया कि वह वैश्विक स्तर पर अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
- जर्मनी की विदेश मंत्री ने कहा कि हिंद–प्रशांत क्षेत्र में 21वीं सदी में अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में भारत का निर्णायक प्रभाव होगा।