भारत में मिला लीथियम का पहला भंडार, जम्मू–कश्मीर के रियासी जिले में महत्वपूर्ण खनिज की खोज
- देश में विभिन्न मूल्यवान धातुओं के भंडार खोजने के लिए लगातार प्रयासरत भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) को बड़ी सफलता मिली है। जीएसआई ने जम्मू–कश्मीर के रियासी जिले में लीथियम के भंडार का पता लगाया है। यह देश में मिला लीथियम का पहला भंडार है।
- बैटरियों की बढ़ती जरूरत और उनमें लीथियम के प्रयोग को देखते हुए यह भंडार रणनीतिक रूप से देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकता है।
- अभी जो भंडार मिला है, वहां 59 लाख टन लीथियम होने का अनुमान है।
- सेंट्रल जियोलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड की 62वीं मीटिंग में खान सचिव विवेक भारद्वाज ने यह बताया।
- उल्लेखनीय है कि टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रयोग को देखते हुए सरकार महत्वपूर्ण धातुओं की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने की दिशा में सतत प्रयास कर रही है। इसके लिए ऑस्ट्रेलिया एवं अर्जेंटीना में भी खदानें ली जा रही हैं। अभी लीथियम, निकेल और कोबाल्ट जैसे कई अहम खनिजों के लिए भारत आयात पर निर्भर है।
- आयात पर निर्भरता कम करने के लिए आवश्यक है कि देश में महत्वपूर्ण खनिजों के भंडार खोजे जाएं और उनकी प्रोसेसिंग हो।
- ऐसे में यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि लीथियम टेक्नोलॉजी के बढ़ते दौर में शायद ही कोई होगा जिसने लीथियम आयन बैटरी का नाम न सुना हो।
लीथियम आयन बैटरी:
- लीथियम आयन बैटरियों की क्षमता ज्यादा होती है और अन्य रासायनिक क्रियाओं पर आधारित बैटरियों की तुलना में इनकी उम्र भी लंबी होती है।
- इन बैटरियों के दम पर ही इलेक्ट्रिक वाहनों की रेंज बढ़ाने में मदद मिली है और एक ही चार्ज में 500 से 700 किलोमीटर तक चलने वाली कारें बन पा रही हैं।
- अभी भारत अपनी जरूरत के लिए लीथियम आयन बैटरियां आयात करता है।