भारत ने हिंद महासागर क्षेत्र और हिंद–प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की
- भारत ने हिंद महासागर क्षेत्र के साथ–साथ हिंद–प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
- 24 नवंबर को बांग्लादेश के ढाका में आयोजित हिन्द महासागर तटीय सहयोग संघ –आईओआरए की मंत्रिपरिषद की 22वीं बैठक में भारत ने कहा कि वह चाहता है कि इसके लिए आईओआरए को मजबूत बनाया जाए।
- बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने किया। उन्होनें जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों से निबटने की दिशा में पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली और बाजरा के अंतरराष्ट्रीय वर्ष जैसी भारत की पहल पर प्रकाश डाला।
हिन्द महासागर तटीय सहयोग संघ (IORA):
- आईओआरए 23 सदस्यों और 10 संवाद भागीदारों के साथ हिंद महासागर क्षेत्र में सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित संगठन है।
- यह विशेष रूप से व्यापार सुविधा और निवेश, संवर्धन के साथ–साथ क्षेत्र के सामाजिक विकास पर आर्थिक सहयोग को मजबूत करने के लिए खुले क्षेत्रवाद के सिद्धांतों पर आधारित है। IORA का समन्वय सचिवालय एबेने, मॉरीशस में स्थित है।
- IORA के उद्देश्य:
- क्षेत्र और सदस्य राज्यों के सतत विकास और संतुलित विकास को बढ़ावा देना।
- आर्थिक सहयोग के उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना जो विकास, साझा हित और पारस्परिक लाभ के लिए अधिकतम अवसर प्रदान करते हैं।
- उदारीकरण को बढ़ावा देने के लिए, हिंद महासागर परिधि के भीतर वस्तुओं, सेवाओं, निवेश और प्रौद्योगिकी के एक मुक्त और उन्नत प्रवाह की दिशा में बाधाओं को कम या दूर करना।
- इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (IORA) ने छह प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान की है, जिनके नाम हैं:
- समुद्री सुरक्षा,
- व्यापार और निवेश सुविधा,
- मत्स्य प्रबंधन,
- आपदा जोखिम में कमी,
- शैक्षणिक और वैज्ञानिक सहयोग और
- पर्यटन संवर्धन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान।