भारत ने नई दिल्ली में 8 से 11 फरवरी 2023 की अवधि में हिंद–प्रशांत आर्थिक ढांचे (आईपीईएफ) के II-IV स्तम्भों के लिए वार्ताओं के विशेष दौर का आयोजन किया

भारत ने नई दिल्ली में 8 से 11 फरवरी 2023 की अवधि में हिंदप्रशांत आर्थिक ढांचे (आईपीईएफ) के II-IV स्तम्भों के लिए वार्ताओं के विशेष दौर का आयोजन किया

  • भारत ने 8-11 फरवरी, 2023 की अवधि में नई दिल्ली में हिंदप्रशांत आर्थिक ढांचे (आईपीईएफ) के लिए विशेष दौर की वार्ता का आयोजन किया।

  • इस दौर में आईपीईएफ के द्वितीय स्तंभ (आपूर्ति श्रृंखला), तृतीय स्तम्भ (स्वच्छ अर्थव्यवस्था) और चतुर्थ (निष्पक्ष अर्थव्यवस्था) पर चर्चा हुई।
  • भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, फिजी, इंडोनेशिया, जापान, कोरिया गणराज्य, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम के लगभग 300 अधिकारियों ने विचार-विमर्श में भाग लिया।
  • इस अवसर पर अपने संबोधन में वाणिज्य सचिव ने दोहराया कि भारत हिंदप्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने और अधिक स्थिर एवं समृद्ध भविष्य में अपना योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी प्रतिनिधियों से व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ाने के लिए अधिक अनुकूल वातावरण बनाने, लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं का विकास और सतत विकास में तेजी लाने जैसे व्यापक उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया
  • उल्लेखनीय है कि मई 2022 में आईपीईएफ के शुभारंभ पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी का हवाला देते हुए मंत्री महोदय ने कन्वर्जेन्स विकसित करने और ठोस परिणाम प्राप्त करने के उद्देश्य से सदस्यों को रचनात्मक और अभिनव दृष्टिकोण के साथ आने के लिए प्रोत्साहित किया
  • दिसंबर 2022 में ब्रिस्बेन, ऑस्ट्रेलिया में पिछले दौर के दौरान हुई चर्चाओं के आधार पर नई दिल्ली में तीन स्तंभों की गहन परिपत्रआधारित चर्चाएँ आयोजित की गईं। आईपीईएफ के भागीदार नए विचारों और प्रतिक्रियाओं के सार्थक आदान-प्रदान में लगे हुए हैं और तीन स्तंभों में से प्रत्येक में आगे की प्रगति करने के लिए भविष्य में सघनता से काम करना जारी रखने पर सहमत हुए हैं।
  • हिंदप्रशांत आर्थिक ढांचे (आईपीईएफ) भागीदारों ने उन सभी समझौतों को तेजी से पूरा करने के लिए सहयोग जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धताओं की फिर से पुष्टि की जिनमें उनकी संबंधित अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक प्रतिस्पर्धा और समृद्धि के लिए एक साझा दृष्टिकोण को बढ़ाने के लिए ठोस लाभ शामिल हैं।

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