भारत सरकार पहली बार बंजारा धर्मगुरु संत श्री सेवालाल महाराज जयंती मना रही है
- भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय पहली बार बंजारा समुदाय के आध्यात्मिक और धार्मिक गुरु संत श्री सेवालाल महाराज की 284वीं जयंती के उपलक्ष्य में पूरे साल उत्सव का आयोजन कर रहा है। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत यह जयंती वर्ष कार्यक्रम 26 फरवरी, 2023 से शुरू हो रहा है।
- पिछले 3 वर्षों से नई दिल्ली स्थित संत सेवालाल महाराज चैरिटेबल ट्रस्ट दिल्ली में इसका उत्सव मनाता रहा है जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के हजारों बंजारा समुदाय के लोग हिस्सा लेते हैं।
संत श्री सेवालाल महाराज:
- संत श्री सेवालाल महाराज का जन्म 15 फरवरी, 1739 को कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के सुरगोंडनकोप्पा में हुआ था।
- उन्हें बंजारा समुदाय का समाज सुधारक और आध्यात्मिक गुरु माना जाता है।
- उन्होंने विशेष रूप से वनवासियों और घुमंतू जनजातियों की सेवा करने के लिए अपने लादेनिया मंडली के साथ देश भर में यात्रा की थी।
- आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में उनके असाधारण ज्ञान, उत्कृष्ट कौशल और आध्यात्मिक पृष्ठभूमि के कारण वे आदिवासी समुदायों में प्रचलित मिथकों व अंधविश्वासों को दूर करने और उनके जीवन में सुधार लाने में सक्षम थे।
- कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में संत सेवालाल महाराज हर बंजारा परिवार के पूजनीय प्रतीक हैं।
- उनकी समाधि स्थल महाराष्ट्र के वाशिम जिला स्थित मनोरा तालुका के पोहरादेवी में स्थित है, जिसे बंजारा काशी के नाम से भी जाना जाता है।
बंजारा समुदाय:
- पूरे देश में विभिन्न नामों से पहचाने जाने वाले बंजारा समुदाय के लोग अपनी खानाबदोश जीवन शैली को स्थायी रूप से छोड़कर टांडा नामक अपनी बस्तियों में बस गए हैं। माना जाता है कि पूरे देश में बंजारा समुदाय की आबादी 10 से 12 करोड़ है।