COP-15 में वैश्विक जैव विविधता के संरक्षण के लिए ऐतिहासिक समझौता
- कनाडा के मांट्रियल में चल रही संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन (कॉप 15) के समापन पर एक महत्वपूर्ण समझौते पर सहमति बनी है, जो इस दशक के अंत तक विश्व में 30 प्रतिशत भूमि, तटीय इलाकों और अंतर्देशीय जल क्षेत्र के संरक्षण पर लक्षित है।
- जैविक विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन, जिसे पार्टियों के सम्मेलन (सीओपी 15) के रूप में जाना जाता है, 7-19 दिसंबर 2022 तक मॉन्ट्रियल, कनाडा में संपन्न हुआ।
क्या समझौता हुआ है?
- इस समझौते के तहत पृथ्वी के 30 फीसदी हिस्से को 2030 तक संरक्षित क्षेत्र बनाने की बात की गई है।
- समझौते में संरक्षित क्षेत्रों के मूलवासियों के अधिकार को सुरक्षित रखने की भी बात कही गई है और उन्हें अपनी जमीन के रक्षक के रूप में चिह्नित किया गया है। जैव विविधता के लिए अभियान चला रहे लोगों की यह प्रमुख मांग थी।
- इस समझौते के तहत कुनमिन्ग–माँट्रियाल वैश्विक जैव विविधता फ्रेमवर्क में भूमि, तटीय इलाकों और अन्तर्देशीय जलक्षेत्र के संरक्षण के साथ–साथ, खाद्य बर्बादी में 50 फीसदी की कमी लाने का भी लक्ष्य रखा गया है।
- 196 सरकारों के प्रतिनिधि जो जैविक विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के हस्ताक्षरकर्ता हैं– 188 सरकारों के प्रतिनिधि मॉन्ट्रियल में मौजूद थे – 2023 तक प्राप्त किए जाने वाले चार ध्येय और 23 लक्ष्यों को अपनाने के लिए सहमत हुए। ये ध्येय और लक्ष्य देशों और दुनिया को स्थलीय और समुद्री जैव विविधता के चल रहे नुकसान को रोकने के लिए और मानवता को प्रकृति के साथ एक स्थायी संबंध की दिशा में स्थापित करने के लिए सही रस्ते पर बनाए रखेंगे।
- वैश्विक जैव विविधता ढांचे के कार्यान्वयन का समर्थन करने के लिए देशों ने प्रगति को मापने के साथ–साथ एक समर्पित कोष, विशेष ट्रस्ट फंड की स्थापना के लिए संकेतकों को स्पष्ट करने पर सहमति व्यक्त की।
- जबकि सभी देश इस बात पर सहमत थे कि जैव विविधता के लिए धन में वृद्धि की आवश्यकता है, इस बात पर मतभेद था कि वित्तपोषण कैसे प्रदान किया जाएगा।
धन जुटाना:
- यह समझौता 2030 तक कम से कम 200 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता से संबंधित सार्वजनिक और निजी सभी स्रोतों से धन जुटाने के लिए कहता है।
- अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रवाह को विकसित से विकासशील देशों, विशेष रूप से सबसे कम विकसित देशों, छोटे द्वीप विकासशील राज्यों और संक्रमणकालीन अर्थव्यवस्था वाले देशों में 2025 तक कम से कम 20 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष और 2030 तक कम से कम 30 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष तक बढ़ाना है।
- संरक्षण और टिकाऊ उपयोग के लिए सकारात्मक प्रोत्साहनों को बढ़ावा देते हुए सभी देश 2030 तक उत्तरोत्तर कम से कम 500 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष की जैव विविधता को नुकसान पहुंचाने वाली सब्सिडी को समाप्त करने या सुधार करने पर सहमत हुए।
आनुवंशिक संसाधनों के संरक्षण का प्रयास:
- आनुवंशिक संसाधनों पर डिजिटल अनुक्रम सूचना पर भी एक समझौता हुआ। बातचीत इस बात पर केंद्रित थी कि कैसे देश, विशेष रूप से जैव विविधता से समृद्ध देश, वाणिज्यिक और गैर–वाणिज्यिक अनुप्रयोगों में उपयोग किए जाने पर प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग से लाभान्वित हो सकते हैं, जिसमें फार्मास्युटिकल उत्पाद विकास, बेहतर फसल प्रजनन, वर्गीकरण और आक्रामक प्रजातियों की निगरानी शामिल है।
- डिजिटल अनुक्रमण सूचनाओं के प्रदाताओं और उपयोगकर्ताओं के बीच लाभों के समान बंटवारे के लिए सभी देश एक बहुपक्षीय कोष स्थापित करने पर सहमत हुए हैं।
- वर्ष 2024 में तुर्किये में COP16 सम्मलेन में इस बहुपक्षीय कोष को अंतिम रूप दिया जायेगा।
जैविक विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (COP15):
- जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन एक बहुपक्षीय संधि है जिस पर 1992 में रियो डी जनेरियो में पृथ्वी शिखर सम्मेलन के दौरान देशों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।
- यह 29 दिसंबर 1993 को लागू हुआ।
- इसके 3 मुख्य उद्देश्य हैं:
- जैविक विविधता का संरक्षण
- जैविक विविधता के घटकों का सतत उपयोग
- आनुवंशिक संसाधनों के उपयोग से होने वाले लाभों का उचित और न्यायसंगत बंटवारा।