दिल्ली के एम्स ने कहा– साइबर हमले के बाद प्रभावित हुई डिजिटल सेवाओं को बहाल करने के सभी प्रयास किये जा रहे हैं
- दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान–एम्स ने कहा है कि साइबर हमले के बाद प्रभावित हुई डिजिटल सेवाओं को बहाल करने के सभी प्रयास किये जा रहे हैं। संस्थान ने यह सेवाएं शीघ्र शुरू होने की आशा व्यक्त की।
- 23 नवंबर को हुए एक साइबर हमले से रोगियों की कई डिजिटल सुविधा प्रभावित हुई थीं और यह अब मैन्युअल मोड में सक्रिय हैं।
- एम्स के सर्वर पर रैनसमवेयर अटैक के मामले की सीबीआई, NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) सहित सभी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां और दिल्ली पुलिस की साइबर सेल जांच कर रही है, लेकिन अब तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है।
- एम्स के एक अधिकारी ने कहा, ‘सर्वर बंद होने से स्मार्ट लैब, बिलिंग, रिपोर्ट जनरेशन और अपॉइंटमेंट सिस्टम समेत ओपीडी और आईपीडी डिजिटल अस्पताल सेवाएं प्रभावित हुई हैं।‘
- एम्स ने बयान में कहा कि डिजिटल सेवाएं बहाल करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं और भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी–इन) व एनआईसी की मदद ली जा रही है।
- ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस, स्पेन की टेलीफोनिका फेडेक्स और यूएस ‘क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर आपरेटर‘ आदि भी रेनसमवेयर की चपेट में आ चुके हैं।
- भारत में चार साल पहले तक 48 हजार से ज्यादा ‘वेनाक्राई रेनसमवेयर अटैक‘ डिटेक्ट हुए थे। विभिन्न तरह के हैकर समूह, भारतीय स्पेस में सेंध लगाने का प्रयास करते रहते हैं।
- भारत के एनर्जी सेक्टर, ट्रांसपोर्टेशन (एयर, सरफेस, रेल एंड वाटर), बैकिंग, वित्त, टेलीकम्युनिकेशन, डिफेंस, स्पेस, लॉ एनफोर्समेंट, सिक्योरिटी, इंटेलिजेंस, सरकार के संवेदनशील संगठन, जन स्वास्थ्य, वाटर सप्लाई, डिस्पोजल, क्रिटिकल मैन्युफैक्चरिंग व ई–गवर्नेंस आदि को साइबर हमलों से बहुत ज्यादा चौकसी बरतनी पड़ती है।
- आतंकी संगठन ‘आईएसआईएस‘ भी साइबर स्पेस में घुसने की कोशिश करते हैं।