एपीडा ने जीसीसी देशों में मोटा अनाज के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए लुलु हाइपरमार्केट के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
- खाड़ी सहयोग देशों (जीसीसी) में मोटा अनाज की निर्यात संभावनाओं का फायदा उठाने के लिए भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के तहत काम करने वाली कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने 21 फरवरी, 2023 को लुलु हाइपरमार्केट एलएलसी के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
- समझौते के अनुसार, लुलु समूह मोटे अनाज उत्पादों के लिए प्रचार से जुड़ी गतिविधियों की सुविधा प्रदान करेगा और किसान उत्पादक संगठनों, किसान उत्पादक कंपनियों, महिला उद्यमियों और स्टार्टअप से मोटे अनाज, इसके मूल्य वर्धित उत्पादों, रेडी-टू ईट उत्पादों को प्राप्त कर दुनिया भर के सामने रखने में देश की सहायता करेगा।
- एपीडा उत्पाद निर्माताओं को मोटा अनाज उत्पादों के विभिन्न नमूनों को लुलु हाइपरमार्केट में भेजने की सुविधा प्रदान करेगा, जिन्हें इसके विभिन्न स्टोरों पर प्रदर्शित किया जाएगा।
भारत में मोटे अनाज (मिलेट) की स्थिति:
- उल्लेखनीय है कि अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष (IYoM) 2023 के प्रचार के लिए कार्यक्रमों की अपनी श्रृंखला के एक भाग के रूप में, एपीडा 16 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों में मोटा अनाज के लिए निर्यात प्रोत्साहन गतिविधियों का आयोजन कर रहा है जिसमें गल्फूड 2023 भी शामिल है।
- भारत ने अप्रैल–नवंबर 2022-23 के दौरान 4.605 करोड़ डालर के मोटा अनाज का निर्यात किया है और यूएई भारतीय मोटे अनाज का प्रमुख आयातक देश है।
- इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से एपीडा को 2025 तक के लिए तय किए गए 10 करोड़ डालर के मोटा अनाज और इसके मूल्य वर्धित उत्पादों के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रणनीति में मदद मिलेगी।
- यह अनुमान लगाया गया है कि मोटा अनाज का बाजार 9 अरब डॉलर से अधिक के अपने वर्तमान बाजार मूल्य से बढ़कर 2025 तक 12 अरब डॉलर से अधिक का हो सकता है।
- डीजीसीआईएस के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में मोटे अनाज के निर्यात में 8.02% की वृद्धि दर्ज की, इस दौरान मोटे अनाज का निर्यात पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान 147,501.08 मीट्रिक टन के मुकाबले 159,332.16 मीट्रिक टन था।