FAME और PLI योजनाएं देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा दे रहीं हैं
- केंद्रीय भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर ने 9 दिसंबर को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने और उनके निर्माण को लागत प्रभावी बनाने के लिए भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा तैयार तीन योजनाएं शुरू की गई हैं।
फेम (FAME) इंडिया योजना:
- सरकार द्वारा 1 अप्रैल, 2019 से शुरू होने वाली तीन साल की अवधि के लिए शुरू प्रारंभिक तौर पर फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया (फेम इंडिया) योजना के चरण- II को 10,000 करोड़ रुपये के कुल बजटीय समर्थन के साथ अधिसूचित किया।
- योजना को 31 मार्च, 2024 तक 2 वर्ष की एक और अवधि के लिए बढ़ा दिया गया है।
- फेम-इंडिया स्कीम फेज-II के तहत, इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीदारों को इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीद मूल्य में अग्रिम कटौती के रूप में प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है।
- प्रोत्साहन वाहन की लागत के 20% की सीमा के साथ इलेक्ट्रिक –तिपहिया वाहनों और इलेक्ट्रिक–चारपहिया वाहनों के लिए बैटरी क्षमता यानी 10,000 रुपये प्रति किलोवाट घंटा से जुड़ा हुआ है।
- इसके अलावा, इलेक्ट्रिक–दोपहिया वाहनों के लिए प्रोत्साहन/सब्सिडी को बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति किलोवाट घंटा से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति किलोवाट घंटा कर दिया गया है तथा इसे वाहन की लागत का 20% से बढ़ाकर 40% की सीमा में साथ 11 जून, 2021 से लागू कर दिया गया है।
ऑटोमोटिव क्षेत्र के लिए ‘उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI)’ योजना:
- सरकार ने 15 सितंबर, 2021 को 25,938 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ मोटर वाहन क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी गयी है। इस पीएलआई योजना के अंतर्गत इलेक्ट्रिक वाहन आते हैं।
उन्नत रसायन सेल (ACC) के लिए PLI योजना:
- सरकार ने 12 मई, 2021 को 18,100 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ देश में उन्नत रसायन सेल (ACC) के निर्माण के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी गयी।
- इस योजना के तहत 50 GWh के लिए देश में एक प्रतिस्पर्धी उन्नत रसायन सेल (ACC) निर्माण इकाइयां स्थापित करने की परिकल्पना की गई है। इसके अतिरिक्त, 5 GWh की उन्नत रसायन सेल (ACC) की उत्कृष्ट प्रौद्योगिकियाँ भी योजना के अंतर्गत शामिल हैं।