हाइड्रोजन और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों पर भारत और जर्मनी की संस्थाओं के बीच आशय पत्र का हस्ताक्षर

हाइड्रोजन और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों पर भारत और जर्मनी की संस्थाओं के बीच आशय पत्र का हस्ताक्षर

  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) और फ्राउनहोफर इंस्टीट्यूट फॉर सोलर एनर्जी सिस्टम्स (फ्राउनहोफर आईएसई) के बीच हाइड्रोजन तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करने वाले एक दीर्घकालिक सहभागिता के लिए एक आशय पत्र (LoI) पर हस्ताक्षर किए गए।

  • भारत और जर्मनी अपनी अर्थव्यवस्थाओं को कार्बन उत्सर्जन से मुक्त करने के लक्ष्य को साझा करते हैं और ऊर्जा सुरक्षा व जलवायु संरक्षण की खोज में संयुक्त रूप से सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दोनों देशों ने पेरिस समझौते के लक्ष्यों की उपलब्धि को आगे बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था विकसित करने को लेकर प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
  • यह आशय पत्र डीएसटी द्वारा स्थापित किए जा रहे हाइड्रोजन ऊर्जा समूहों के लिए उच्चतर प्रौद्योगिकी तत्परता स्तर (टीआरएल) के विकास को गति प्रदान करेगा। इसके अलावा यह हरित हाइड्रोजन में फ्राउनहोफर से मौजूदा तकनीकों संभावित हस्तक्षेपों की पहचान कर उन्हें स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के साथ एकीकृत करेगा और उन्हें भारतीय परिस्थितियों के लिए तैनात/दुरूस्त करेगा।
  • डीएसटी हाइड्रोजन वैली क्लस्टर परियोजनाओं में सहयोग के लिए सक्षम ढांचा प्रदान करेगा, गतिविधियों में सहायता करेगा व जहां भी लागू हो और संभव हो, जरूरी संसाधनों की सुविधा प्रदान करेगा।
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