देश में, 1 लाख आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (Ayushman Bharat-Health and Wellness Centres – AB-HWCs) पर टेलीकंसल्टेशन सुविधा 16 अप्रैल, 2022 को शुरू हुई। यह सुविधा देश के दूरदराज के गांवों में रहने वाले लोगों को विभिन्न स्वास्थ्य विशेषज्ञों से चिकित्सा सलाह प्राप्त करने में मदद करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
मुख्य बिंदु
- ई-संजीवनी देश के लोगों को सुलभ और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही है।
- ई-संजीवनी से स्वास्थ्य सेवाओं की मांग के इस रूप में वृद्धि हुई है।
- देश में लगभग 1,17,440 आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (AB-HWCs) का संचालन किया जा चुका है।
- टेलीमेडिसिन सेवाएं बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंच सकें, इसके लिए 74 लाख कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के साथ ई-संजीवनी एप्लिकेशन को एकीकृत किया गया है।
ई-संजीवनी :
यह सरकार की एक योजना है जो देश के नागरिकों को ऑनलाइन OPD डॉक्टर परामर्श प्रदान करती है। नवंबर 2019 में इस योजना को शुरू किया गया था और स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय इसे चला रहा है। इसे राष्ट्रीय दूरसंचार सेवा (National Teleconsultation Service) के रूप में भी जाना जाता है और इसे रोगियों को उनके घरों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
- डॉक्टर-टू-डॉक्टर टेली-परामर्श संबंधी इस प्रणाली का कार्यान्वयन आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (AB-HWCs) कार्यक्रम के तहत किया जा रहा है।
- गौरतलब है कि इसके तहत वर्ष 2022 तक ‘हब एंड स्पोक’ (Hub and Spoke) मॉडल का उपयोग करते हुए देश भर के सभी 5 लाख स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों में टेली-परामर्श प्रदान करने की योजना बनाई गई है।
- इस मॉडल में राज्यों द्वारा पहचाने एवं स्थापित किये गए चिकित्सा कॉलेज तथा ज़िला अस्पताल ‘हब’ (Hub) के रूप में कार्य करेंगे और वे देश भर के स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों यानी ‘स्पोक’ (Spoke) को टेली-परामर्श सेवाएँ उपलब्ध कराएंगे।
ई-संजीवनी ओपीडी :
- इसकी शुरुआत COVID-19 महामारी के दौर में रोगियों को घर बैठे डॉक्टरों से परामर्श प्राप्त करने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से की गई थी, इसके माध्यम से नागरिक बिना अस्पताल जाए व्यक्तिगत रूप से डॉक्टरों से परामर्श कर सकते हैं।
- सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि यह एंड्रॉइड मोबाइल एप्लीकेशन के रूप में सभी नागरिकों के लिये उपलब्ध है। वर्तमान में लगभग 2800 प्रशिक्षित डॉक्टर ई-संजीवनी ओपीडी (eSanjeevaniOPD) पर उपलब्ध हैं, और रोज़ाना लगभग 250 डॉक्टर और विशेषज्ञ ई-स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध करा रहे हैं।
- इसके माध्यम से आम लोगों के लिये बिना यात्रा किये स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ प्राप्त करना काफी आसान हो गया है।
टेलीमेडिसिन का अर्थ?
- टेलीमेडिसिन स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की एक उभरती हुई शैली है, जो कि स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर को दूरसंचार प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए कुछ दूरी पर बैठे रोगी की जाँच करने और उसका उपचार करने की अनुमति देता है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, टेलीमेडिसिन का अभिप्राय पेशेवर स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी (IT) का उपयोग करके ऐसे स्थानों पर रोगों की जाँच, उपचार तथा रोकथाम, अनुसंधान और मूल्यांकन आदि की सेवा प्रदान करना है, जहाँ रोगी और डॉक्टर के बीच दूरी एक महत्त्वपूर्ण कारक हो।
- टेलीमेडिसिन का सबसे शुरुआती प्रयोग एरिज़ोना प्रांत के ग्रामीण क्षेत्रों में निवास कर रहे लोगों को आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं को प्रदान करने के लिये किया गया।
- गौरतलब है कि राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (NASA) ने टेलीमेडिसिन के शुरुआती विकास में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वहीं भारत में इसरो ने वर्ष 2001 में टेलीमेडिसिन सुविधा की शुरू पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर की थी, जिसने चेन्नई के अपोलो अस्पताल को चित्तूर ज़िले के अरगोंडा गाँव के अपोलो ग्रामीण अस्पताल से जोड़ा था।
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.1 PRE