श्रम और रोजगार मंत्रालय से संबंधित कार्यालय श्रम ब्यूरो मार्च, 2022 के लिए औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) जारी कर रहा है।
मार्च, 2022 का अखिल भारत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (औद्योगिक श्रमिक) 1.0 अंक बढ़कर 126.0 (एक सौ छब्बीस) अंकों के स्तर पर संकलित हुआ। सूचकांक में पिछले माह की तुलना में 0.59 प्रतिशत की वृद्धि रही। सूचकांक में दर्ज वृद्धि में अधिकतम योगदान खाद्य एवं पेय समूह का रहा जिसने कुल बदलाव को 0.30 बिन्दु प्रतिशतता से प्रभावित किया। मदों में भैंस-दूध, गाय-दूध, मुर्गी/चिकन, सूरजमुखी का तेल, सोयाबीन का तेल, ताड़ का तेल, सेब, रागी, मटर, मूली, हरी मिर्च, नींबू, आलू, आम, विदेशी शराब, धनिया, जीरा/जीरा चाय पत्ती, साड़ी कपास, रसोई गैस, पेट्रोल, टेलीफोन/मोबाइल शुल्क आदि सूचकांक को बढ़ाने में जिम्मेवार रहे। हालांकि, इस वृद्धि को मुख्य रूप से प्याज, टमाटर, कुंदरू, बैंगन, गोभी, गाजर, फूलगोभी, लौकी, अंडा-मुर्गी, तरबूज, अंगूर, बीट रूट, आदि द्वारा नियंत्रित करने का प्रयास किया।
केंद्र स्तर पर संगरूर में 6.3 अंक की अधिकतम वृद्धि दर्ज की गई, उसके बाद लाबैक-सिलचर और अंगुल-तालचर में क्रमशः 5.8 और 5.4 अंक की वृद्धि दर्ज की गई। अन्य में 2 केंद्रों में 4 से 4.9 अंक, 4 केंद्रों में 3 से 3.9 अंक, 8 केंद्रों में 2 से 2.9 अंक, 20 केंद्रों में 1 से 1.9 अंक और 39 केंद्रों में 0.1 से 0.9 अंक के बीच वृद्धि दर्ज की गई। इसके विपरीत सलेम में सबसे ज्यादा 1.1 अंक की गिरावट दर्ज की गई। अन्य में 11 केंद्रों में 0.1 से 0.9 अंक के बीच गिरावट दर्ज की गई।
साल-दर-साल मुद्रास्फीति पिछले महीने के 5.04 प्रतिशत और एक साल पहले इसी महीने के दौरान 5.64 प्रतिशत की तुलना में 5.35 प्रतिशत रही। इसी तरह, खाद्य मुद्रास्फीति पिछले महीने के 5.09 प्रतिशत और एक साल पहले इसी महीने के 5.36 प्रतिशत के मुकाबले 6.27 प्रतिशत रही।
श्रम ब्यूरो, श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय से संबंधित कार्यालय द्वारा हर महीने औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का संकलन सम्पूर्ण देश में फैले हुए 88 महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रों के 317 बाजारों से एकत्रित खुदरा मूल्यों के आधार पर किया जाता है। सूचकांक का संकलन 88 औद्योगिक केंद्रों एवं अखिल भारत के लिए किया जाता है और आगामी महीने के अंतिम कार्यदिवस पर जारी किया जाता है।
भारत में मुद्रास्फीति की माप
थोकमूल्य सूचकांक (Wholesale Price Index-WPI)
- यह भारत में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला मुद्रास्फीति संकेतक (Inflation Indicator) है।
- इसे वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce and Industry) के आर्थिक सलाहकार (Office of Economic Adviser) के कार्यालय द्वारा प्रकाशित किया जाता है।
- इसमें घरेलू बाज़ार में थोक बिक्री के पहले बिंदु किये जाने-वाले (First point of bulk sale) सभी लेन-देन शामिल होते हैं।
- इस सूचकांक की सबसे प्रमुख आलोचना यह है कि आम जनता थोक मूल्य पर उत्पाद नहीं खरीदती है।
- वर्ष 2017 में अखिल भारतीय WPI के लिये आधार वर्ष 2004-05 से संशोधित कर 2011-12 कर दिया गया है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index-CPI)
- यह खुदरा खरीदार के दृष्टिकोण से मूल्य परिवर्तन को मापता है।
- यह चयनित वस्तुओं और सेवाओं के खुदरा मूल्यों के स्तर में समय के साथ बदलाव को मापता है, जिस पर एक परिभाषित समूह के उपभोक्ता अपनी आय खर्च करते हैं।
- CPI के चार प्रकार निम्नलिखित हैं:
- औद्योगिक श्रमिकों (Industrial Workers-IW) के लिये CPI
- कृषि मज़दूर (Agricultural Labourer-AL) के लिये CPI
- ग्रामीण मज़दूर (Rural Labourer-RL) के लिये CPI
- CPI (ग्रामीण/शहरी/संयुक्त)
- इनमें से प्रथम तीन को श्रम और रोज़गार मंत्रालय में श्रम ब्यूरो (labor Bureau) द्वारा संकलित किया गया है। जबकि चौथे प्रकार की CPI को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Programme Implementation) के अंतर्गत केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (Central Statistical Organisation-CSO) द्वारा संकलित किया जाता है।
- CPI का आधार वर्ष 2012 है।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.1 PRE