‘कवच’ भारतीय रेलवे द्वारा विकसित स्वचालित ट्रेन टक्कर रोधी प्रणाली है।
कवच (Kavach)
- कवच स्वदेशी रूप से विकसित प्रणाली है जो ट्रेनों के बीच टकराव को रोकती है।
- इसे Train Collision Avoidance System (TCAS) के नाम से भी जाना जाता है।
- इसे 2012 से विकसित किया जा रहा है और 2016 में इसका पहला फील्ड परीक्षण किया गया था।
- वर्तमान में, यह दक्षिण मध्य रेलवे क्षेत्र के लिंगमपल्ली और विकाराबाद खंड में काम कर रहा है।
- यह जल्द ही पूरे भारत में धीरे-धीरे चालू हो जाएगा, जैसा कि बजट में प्रस्तावित है।
- कवच की लागत लगभग 30 लाख से 50 लाख रुपये प्रति किलोमीटर होगी, जबकि आयातित प्रणाली की लागत लगभग 5 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर होगी। इस प्रकार, कवच भारत को आयात लागत में कटौती और विदेशी मुद्रा भंडार को बचाने में मदद करेगा।
कवच काम कैसे करता है?
- कवच प्रणाली स्टेशन मास्टर और लोको-पायलट को आपात स्थिति के दौरान एक दूसरे के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करने की अनुमति देती है। यह निम्नलिखित घटकों के साथ संभव बनाया गया है :
- रेलवे स्लीपरों पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टैग।
- ट्रांसमिशन टावर लोकोमोटिव के अंदर और स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से जुड़े होते हैं।
- सुरक्षित गति बनाए रखने के संबंध में उपकरणों द्वारा लोको-प्लॉट को पहले से सूचित किया जाएगा। सिग्नल को सीधे देखने की आवश्यकता के बिना, उसे सिग्नल के बारे में पहले से पता चल जाएगा।
- यदि लोको-पायलट रेड सिग्नल को तोड़ देता है, खासकर जब ट्रेनें एक-दूसरे के सामने एक ही लाइन पर हों, तो दुर्घटना को रोकने के लिए कवच सिस्टम स्वचालित रूप से ब्रेक लगा देगा।
- साथ ही, अगर ट्रेन लेवल-क्रॉसिंग के पास आ रही है तो सिस्टम लोको-पायलट को आवाज के द्वारा अलर्ट करेगा। यह कोहरे जैसी प्रतिकूल मौसम की स्थिति में बेहद उपयोगी होगा, जहां दृश्यता (visibility) खराब होती है।
कवच प्रणाली का हालिया परीक्षण
- 4 मार्च, 2022 को केंद्रीय रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने अन्य अधिकारियों के साथ दो ट्रेनों में यात्रा की, जो एक ही लाइन पर एक-दूसरे की ओर बढ़ रही थीं।
- कवच प्रणाली ने स्वचालित रूप से ब्रेक लगाए और ट्रेनों को 380 मीटर की दूरी पर रोक दिया, जिससे दुर्घटना को रोका जा सके। इस परीक्षण ने कवच प्रणाली की सुरक्षा और प्रभावकारिता का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया।
- ‘कवच’ को रेलवे द्वारा दुनिया की सबसे सस्ती स्वचालित ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। ‘शून्य दुर्घटना’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में रेलवे की मदद के लिए स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली का निर्माण किया गया। एटीपी को कवच नाम दिया गया है। कवच को इस तरह से बनाया गया है कि यह उस स्थिति में एक ट्रेन को ऑटोमेटिक रूप से रोक देगी, जब उसे निर्धारित दूरी के भीतर उसी लाइन पर दूसरी ट्रेन के होने की जानकारी मिलेगी। इस डिजिटल प्रणाली के कारण मानवी त्रुटियों जैसे कि लाल सिग्नल को नजरअंदाज करने या किसी अन्य खराबी पर ट्रेन अपने आप रुक जाएगी।
हाई फ्रीक्वेंसी रेडियो कम्युनिकेश
‘अधिकारियों के मुताबिक कवच एसआईएल-4 (सुरक्षा मानक स्तर चार) के अनुरूप है, जो किसी सुरक्षा प्रणाली का उच्चतम स्तर है। एक बार इस प्रणाली का शुभारंभ हो जाने पर पांच किलोमीटर की सीमा के भीतर की सभी ट्रेन बगल की पटरियों पर खड़ी ट्रेन की सुरक्षा के मद्देनजर रुक जाएंगी। कवच को 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति के लिए अप्रूव किया गया है। परीक्षण के दौरान देखा गया कि कवच टेक्नोलॉजी तीन स्थितियों- ‘आमने-सामने की टक्कर, पीछे से टक्कर और खतरे का संकेत मिलने पर’ में कैसे काम करती है। ‘कवच’ प्रणाली में हाई फ्रीक्वेंसी के रेडियो कम्युनिकेशन का उपयोग किया जाता है।
SOURCE-DANIK JAGRAN
PAPER-G.S.1PRE