कृषि को ऊर्जा और बिजली क्षेत्रों की दिशा में विविधीकृत करने की आवश्यकता
- केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार “चीनी का अधिक उत्पादन अर्थव्यवस्था के लिए एक समस्या है; हम पेट्रोलियम उत्पादों के आयात के लिए प्रति वर्ष 15 लाख करोड़ रुपये व्यय करते हैं, इसलिए हमें कृषि को ऊर्जा और बिजली क्षेत्रों की दिशा में विविधीकृत करने की आवश्यकता है”।
- श्री गडकरी ने उद्योग को भविष्य की प्रौद्योगिकियों की मदद से वैकल्पिक ईंधन पर ध्यान केंद्रित करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता के बारे में जानकारी दी। हमारा अगला कदम चीनी से राजस्व सृजन के लिए सह–उत्पादन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह न केवल किसानों को खाद्य उत्पादक बल्कि ऊर्जा उत्पादक बनाने में भी सक्षम बनाएगा।
- श्री गडकरी ने कहा कि इस वर्ष जहां हमारी आवश्यकता 280 लाख टन चीनी की थी, उत्पादन 360 लाख टन से अधिक हुआ।
- श्री गडकरी ने उद्योग जगत को बताया कि सरकार ने भारत में फ्लेक्स इंजन लॉन्च करने का निर्णय लिया है।
फ्लेक्स ईंधन वाहन (Flexible fuel vehicles (FFVs))
फ्लेक्स ईंधन वाहनों में एक आंतरिक दहन(IC) इंजन होता है जो पेट्रोल और पेट्रोल एवं इथेनॉल के 83% तक किसी भी मिश्रण पर संचालन करने में सक्षम होते हैं। FFVs अधिकांश घटक वही होते हैं जो पारंपरिक गैसोलीन–केवल कार में पाए जाते हैं। इथेनॉल में विभिन्न रासायनिक गुणों और ऊर्जा सामग्री की भरपाई के लिए कुछ विशेष इथेनॉल–संगत घटकों की आवश्यकता होती है, जैसे कि ईंधन पंप और ईंधन इंजेक्शन प्रणाली में संशोधन। इथेनॉल की उच्च ऑक्सीजन सामग्री को समायोजित करने के लिए इंजन नियंत्रण मॉड्यूल (ईसीएम) को भी कैलिब्रेट किया जाता है। |
- श्री गडकरी ने कहा कि “इथेनॉल का कैलोरी मान कम था, 1 लीटर पेट्रोल3 लीटर इथेनॉल के बराबर था, लेकिन रूसी प्रौद्योगिकी का उपयोग करके, हमने इथेनॉल के कैलोरी मान को पेट्रोल के समान बनाने का एक मार्ग खोज लिया है।“
- उन्होंने कहा कि इथेनॉल के अत्यधिक शुद्ध संस्करण का उपयोग उड्डयन उद्योग में भी किया जा सकता है।
- श्री गडकरी ने उद्योग जगत को स्मरण दिलाया कि गन्ने की कटाई के लिए हार्वेस्टिंग प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की संभावना है। उन्होंने कहा, “कटाई करने वाली मशीनें ईंधन के रूप में इथेनॉल का उपयोग कर सकती हैं, जिससे चक्रीय अर्थव्यवस्था संभव हो सकती है।”
2025 तक भारत में इथेनॉल मिश्रण के लिए रोडमैप पर नीति आयोग की विशेषज्ञ समिति की सिफारिश:
- विश्व पर्यावरण दिवस, 5 जून 2021 के अवसर पर, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक भारत में इथेनॉल सम्मिश्रण के रोडमैप पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट जारी की।
- रिपोर्ट के मुताबिक, 20% एथेनॉल ब्लेंडिंग पहुंच के भीतर है।
- यह देश में E20 इथेनॉल के क्रमिक रोलआउट के लिए एक वार्षिक योजना बताती है।
- 2025 तक 20% इथेनॉल सम्मिश्रण से देश को अपार लाभ मिल सकता है, जैसे प्रति वर्ष 30,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत, ऊर्जा सुरक्षा, कम कार्बन उत्सर्जन, बेहतर वायु गुणवत्ता, आत्मनिर्भरता, क्षतिग्रस्त खाद्यान्न का उपयोग, किसानों की आय, रोजगार सृजन, और अधिक निवेश के अवसर में वृद्धि। ।
E-20 (20% इथेनॉल मिश्रण) रोडमैप निम्नलिखित मील के पत्थर का प्रस्ताव करता है:
- अखिल भारतीय इथेनॉल उत्पादन क्षमता मौजूदा 700 से बढ़ाकर 1500 करोड़ लीटर करना होगा
- अप्रैल 2022 तक E10 ईंधन का चरणबद्ध रोलआउट
- अप्रैल 2023 से E20 का चरणबद्ध रोलआउट, अप्रैल 2025 तक इसकी उपलब्धता
- अप्रैल 2023 से E20 सामग्री-अनुपालन और E10 इंजन-ट्यून्ड वाहनों का रोलआउट
- अप्रैल 2025 से E20-ट्यून इंजन वाहनों का उत्पादन
- राष्ट्रव्यापी शैक्षिक अभियान
- इथेनॉल के उत्पादन के लिए मक्का जैसी पानी बचाने वाली फसलों के उपयोग को प्रोत्साहित करें
- गैर-खाद्य फीडस्टॉक से इथेनॉल के उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना।
Note: यह सूचना प्री में एवं मेंस के GS -3, के “आर्थिक विकास, पर्यावरण चुनौती एवं विज्ञान & प्रौद्योगिकी” वाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।