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गुड फ्राइडे

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि ईसा मसीह के सेवा और भाईचारे के आदर्श असंख्य लोगों के लिये मार्गदर्शक-प्रकाश है।

15 अप्रैल 2022 को गुड फ्राइडे और 17 अप्रैल 2022 को ईस्टर संडे मनाया जाएगा। मान्यता है कि रविवार के दिन यीशु ने येरुशलन में प्रवेश किया था। विद्वानों का मत है कि 29ई को प्रभु ईसा गधे पर चढ़कर यरुशलम पहुंचे थे और लोगों ने खजूर की डालियां बताकर उनका स्वागत किया था, इसलिए इस दिन पाम संडे कहा जाता है। यहीं यरुशलम या जेरूसलम में उनके खिलाफ षड़यंत्र रचा गया और शुक्रवार को सूली पर लटका दिया गया। सूली पर लटाने की घटना को गुड फ्राइडे के नाम से जानते हैं।

प्रभु ईसा मसीह, लोगों को मानवता, एकता और अहिंसा का उपदेश देकर अच्छाई की राह पर चलने के लिए प्रेरित कर रहे थे। धार्मिक अंधविश्वास करने वाले लोगों ने उन पर राजद्रोह का आरोप लगा दिया। उन्हें मौत की सजा सुनाई गई और प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ा दिया गया। जिस दिन प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ाया गया उस दिन को गुड फ्राइडे कहा जाता है। प्रभु यीशु के बलिदान की वजह से इस दिन को गुड फ्राइडे कहते हैं।

गुड फ्राइडे के तीसरे दिन यानी संडे को प्रभु ईसा मसीह दोबारा जीवित हो गए और 40 दिन तक लोगों के बीच उपदेश देते रहे। उनके दोबारा जीवित होने की घटना को ईस्टर संडे के रूप में मनाया जाता है। गुड फ्राइडे को चर्च में उनके जीवन के आखिरी पलों को दोहराया जाता है और लोगों की सेवा की जाती है। यह शोक का दिन है। इस दिन चर्च एवं घरों से सजावट की वस्तुएं हटा ली जाती हैं।

लोग प्रभु यीशु की याद में काले वस्त्र धारण कर पदयात्रा निकालते हैं। इस दिन चर्च में कैंडल नहीं जलाई जातीं और न ही घंटियां बजाई जाती हैं। गुड फ्राइडे को लोग अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। गुड फ्राइडे को शाकाहारी और सात्विक भोजन पर जोर दिया जाता है। क्रॉस को चूमकर प्रभु ईसा मसीह को याद करते हैं।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.3

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