प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय बैडमिंटन टीम को थॉमस कप जीतने पर बधाई दी है।
भारत की मेंस बैडमिंटन टीम ने 15 मई को इतिहास रच दिया। 73 साल में पहली बार भारत थॉमस कप (Thomas Cup) का विजेता बना। इस दौरान भारत के खिलाड़ियों ने 14 बार इस कप को जीतने वाली इंडोनशिया की टीम को पटखनी दी। भारत ने इंडोनेशिया को 3-0 से हराते हुए थॉमस कप अपने नाम किया। बता दें कि भारत इस टूर्नामेंट में पहली बार फाइनल तक पहुंचा था और इसके बाद उसने इतिहास रच दिया। आखिर क्या है थॉमस कप और ये कब से शुरू हुआ, आइए जानते हैं।
क्या है थॉमस कप :
थॉमस कप (Thomas Cup) एक बैडमिंटन टूर्नामेंट है, जिसमें फिलहाल 16 टीमें पार्टिसिपेट करती हैं। बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए थॉमस कप टूर्नामेंट आयोजित करने का आइडिया सबसे पहले इंग्लिश बैडमिंटन प्लेयर सर जॉर्ज एलन थॉमस (Sir George Alan Thomas) के दिमाग में आया था। वे खुद भी एक बेहतरीन बैडमिंटन खिलाड़ी थे। जॉर्ज एलन थामस की ख्वाहिश थी कि फुटबॉल वर्ल्ड कप और टेनिस के डेविस कप की तरह ही बैडमिंटन टूर्नामेंट भी होना चाहिए। इसके बाद पहली बार 1948-49 में थॉमस कप आयोजित किया गया। पहले यह टूर्नामेंट हर 3 साल में होता था, लेकिन 1982 के बाद से इसे 2 साल में आयोजित किया जाता है।
अब तक सिर्फ 6 देश ही जीत सके थॉमस कप :
1948-49 से लेकर अब तक सिर्फ 32 बार ही थॉमस कप (Thomas Cup) आयोजित हुआ है, जिसमें से सिर्फ 6 देश ही विजेता बन सके हैं। इनमें इंडोनेशिया सबसे सफल टीम रही है, जिसने अब तक 14 बार थॉमस कप जीता है। इंडोनिशया के अलावा थॉमस कप जीतने वाले देश चीन 10 बार, मलेशिया 5 बार और डेनमार्क, जापान व भारत 1-1 बार शामिल हैं। बता दें कि थॉमस कप में बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (BWF) के सदस्य देश भाग लेते हैं। वैसे, ज्यादातर इस खिताब को एशियाई देशों ने ही जीता है। डेनमार्क ने 2016 के फाइनल में इंडोनेशिया को 3-2 से हराते हुए पहली बार किसी गैर एशियाई देश के रूप में थॉमस कप जीता था।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.1PRE