गृहमंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन देते हुये कार्बन तटस्थ अर्थव्यवस्था की दिशा में अग्रसर होने के क्रम में भारत सरकार की पहलकदमी के तहत गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और नेशनल सेक्योरिटी गार्ड के परिसरों में सौर ऊर्जा पैनल लगाने के लिये एक प्रस्ताव पर काम शुरू कर दिया है। इस सम्बंध में गृह मंत्रालय और सोलर एनर्जी कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) के बीच छह मई को नई दिल्ली में एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये।
हरित ऊर्जा से संबंधित पहलें :
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन।
वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड (OSOWOG)।
राष्ट्रीय सौर मिशन।
प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम)
अटल ज्योति योजना।
सूर्यमित्र कौशल विकास कार्यक्रम।
सोलर पार्क योजना और ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप योजना।
रीवा सोलर पावर प्लांट।
राष्ट्रीय पवन-सौर हाइब्रिड नीति 2018
हाइड्रोजन आधारित ईंधन सेल वाहन।
- ‘अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन’ संधि-आधारित एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसका प्राथमिक कार्य वित्तपोषण एवं प्रौद्योगिकी की लागत को कम करके सौर विकास को उत्प्रेरित करना है।
- ‘अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन’, ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ (One Sun One World One Grid – OSOWOG) को लागू करने हेतु नोडल एजेंसी है, जिसका उद्देश्य एक विशिष्ट क्षेत्र में उत्पन्न सौर ऊर्जा को किसी दूसरे क्षेत्र की बिजली की मांग को पूरा करने के लिये स्थानांतरित करना है।
लॉन्च :
- यह एक भारतीय पहल है जिसे भारत के प्रधानमंत्री और फ्राँस के राष्ट्रपति द्वारा 30 नवंबर, 2015 को फ्राँस (पेरिस) में यूएनएफसीसीसी के पक्षकारों के सम्मेलन (COP-21) में 121 सौर संसाधन समृद्ध राष्ट्रों के साथ शुरू किया गया था जो पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से कर्क और मकर रेखा के बीच स्थित हैं।
सदस्य :
- अमेरिका के शामिल होने के बाद कुल 101 सदस्य।
मुख्यालय :
- इसका मुख्यालय भारत में स्थित है और इसका अंतरिम सचिवालय गुरुग्राम में स्थापित किया जा रहा है।
उद्देश्य :
- इसका उद्देश्य सदस्य देशों में सौर ऊर्जा के विस्तार हेतु प्रमुख चुनौतियों का सामूहिक रूप से समाधान करना है।
नए ISA कार्यक्रम :
- सौर पीवी पैनलों और बैटरी उपयोग अपशिष्ट एवं सौर हाइड्रोजन कार्यक्रम के प्रबंधन पर नए ISA कार्यक्रम शुरू किये गए हैं।
- नई हाइड्रोजन पहल का उद्देश्य सौर बिजली के उपयोग को वर्तमान (USD 5 प्रति किलोग्राम) की तुलना में अधिक किफायती दर पर हाइड्रोजन के उत्पादन में सक्षम बनाना है तथा इसके तहत इसे USD 2 प्रति किलोग्राम तक लाना है।
भारत की कुछ सौर ऊर्जा पहलें :
- राष्ट्रीय सौर मिशन (जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना का एक हिस्सा) : भारत को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने हेतु देश भर में सौर ऊर्जा के प्रसार की लिये पारिस्थितिक तंत्र का विकास करना।
- INDC लक्ष्य : इसके तहत वर्ष 2022 तक 100 GW ग्रिड से जुड़े सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की अभिकल्पना की गई है।
- यह गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधनों से लगभग 40% संचयी विद्युत शक्ति स्थापित क्षमता प्राप्त करने और वर्ष 2005 के स्तर से अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को 33% से 35% तक कम करने हेतु भारत के ‘राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान’ (INDCs) लक्ष्य के अनुरूप है।
- अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) और वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड (OSOWOG) :
- सरकारी योजनाएँ : सोलर पार्क योजना, कैनाल बैंक और कैनाल टॉप योजना, बंडलिंग योजना, ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप योजना आदि।
- पहला ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी प्रोजेक्ट : ‘नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड- रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (NTPC-REL) ने देश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी प्रोजेक्ट स्थापित करने हेतु केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।
- ग्रीन हाइड्रोजन का निर्माण अक्षय ऊर्जा (जैसे सौर, पवन) का उपयोग करके पानी के इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा होता है और इसमें कार्बन फुटप्रिंट कम होता है।
सौर ऊर्जा
- परिचय :
- यह सूर्य से निकलने वाला विकिरण है जो ताप पैदा करने, रासायनिक प्रतिक्रिया करने या बिजली पैदा करने में सक्षम है।
- पृथ्वी पर होने वाली सौर ऊर्जा की कुल मात्रा विश्व की वर्तमान और प्रत्याशित ऊर्जा आवश्यकताओं से बहुत अधिक है। यदि उपयुक्त रूप से उपयोग किया जाता है, तो इस अत्यधिक विसरित स्रोत में भविष्य की सभी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता है।
- महत्त्व :
- सौर ऊर्जा की उपलब्धता पूरे दिन बनी रहती है विशेष रूप से उस समय भी जब विद्युत ऊर्जा की मांग सर्वाधिक होती है।
- सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित करने वाले उपकरणों की अवधि अधिक होती है और उनके रखरखाव की भी कम आवश्यकता होती है।
- कम चलने वाली लागत और ग्रिड टाई-अप कैपिटल रिटर्न (नेट मीटरिंग)।
- पारंपरिक ताप विद्युत उत्पादन (कोयले द्वारा) के विपरीत सौर ऊर्जा से प्रदूषण की समस्या भी उत्पन्न नहीं होती है तथा स्वच्छ विद्युत ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाता है।
- देश के लगभग सभी हिस्सों में मुफ्त सौर ऊर्जा की प्रचुरता है।
- सौर ऊर्जा के उपयोग में विद्युत के तार एवं ट्रांसमिशन का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं होती है।
हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन :
- केंद्रीय बजट 2021-22 के तहत एक राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन (National Hydrogen Energy Mission-NHM) की घोषणा की गई है, जो हाइड्रोजन को वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत के रूप में उपयोग करने के लिये एक रोडमैप तैयार करेगा।
- इस पहल में परिवहन क्षेत्र में बदलाव लाने की क्षमता है।
जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन JNNSM) :
- इस मिशन को वर्ष 2009 से वर्ष 2022 तक 20,000 मेगावाट ग्रिड से जुड़ी सौर ऊर्जा के उत्पादन का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ लॉन्च किया गया था।
- 2010-15 के दौरान स्थापित सौर क्षमता का 18 मेगावाट से लगभग 3800 मेगावाट के साथ इस क्षेत्र में तेज़ी से विकास हुआ है।
पीएम-कुसुम :
- कुसुम का अभिप्राय किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाभियान से है।
- इसका उद्देश्य 2022 तक 25,750 मेगावाट की सौर ऊर्जा क्षमता का उपयोग करके किसानों को वित्तीय और जल सुरक्षा प्रदान करना है।
राष्ट्रीय पवन-सौर हाइब्रिड नीति :
- राष्ट्रीय पवन-सौर हाइब्रिड नीति, 2018 का मुख्य उद्देश्य पवन और सौर संसाधनों, बुनियादी ढाँचे तथा भूमि के इष्टतम एवं कुशल उपयोग के लिये ग्रिड कनेक्टेड विंड-सोलर पीवी सिस्टम (Wind-Solar PV Hybrid Systems) को बढ़ावा देने हेतु एक रूपरेखा प्रस्तुत करना है।
- पवन-सौर पीवी हाइब्रिड सिस्टम अक्षय ऊर्जा उत्पादन में परिवर्तनशीलता को कम करने तथा बेहतर ग्रिड स्थिरता प्राप्त करने में सहायक होगा।
रूफटॉप सौर योजना :
- इसका उद्देश्य घरों की छत पर सौर पैनल स्थापित कर सौर ऊर्जा उत्पन्न करना है।
- नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ग्रिड से जुड़ी रूफटॉप सौर योजना (द्वितीय चरण) की कार्यान्वयन एजेंसी है।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3