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भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन

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हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया। यह शिखर सम्मेलन डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में आयोजित किया गया।

मुख्य बिंदु

  • नॉर्डिक देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए अपना समर्थन दोहराया।
  • नेताओं ने जलवायु परिवर्तन से लड़ने और उससे निपटने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की।
  • उन्होंने अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा विविधीकरण, स्मार्ट ग्रिड और ऊर्जा दक्षता पर महत्वाकांक्षी सहयोग के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
  • नेताओं ने बहुपक्षवाद और सहयोग के लिए अपनी मजबूत प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने नॉर्डिक कंपनियों को ब्लू इकोनॉमी क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया, खासकर सागरमाला परियोजना में। उन्होंने भारत में निवेश करने के लिए नॉर्डिक देशों के सॉवरेन वेल्थ फंड को भी आमंत्रित किया।
  • पीएम ने यह भी कहा कि भारत की आर्कटिक नीति आर्कटिक क्षेत्र में भारत-नॉर्डिक सहयोग के विस्तार के लिए एक अच्छा ढांचा प्रदान करती है।

नॉर्डिक देश कौन से हैं?

नॉर्डिक देश उत्तरी यूरोप और उत्तरी अटलांटिक में एक भौगोलिक और सांस्कृतिक क्षेत्र हैं। नॉर्डिक देशों में डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे, स्वीडन और फरो आइलैंड्स (डेनमार्क राज्य के भीतर एक स्वायत्त द्वीपसमूह) शामिल हैं।

पहला भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन कब आयोजित किया गया था?

पहला भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन 2018 में स्टॉकहोम, स्वीडन में आयोजित किया गया था।

भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन का क्या महत्व है?

अमेरिका के अलावा, भारत एकमात्र अन्य देश है जिसके साथ नॉर्डिक देशों का शिखर-स्तरीय जुड़ाव है।

भारत और नॉर्डिक देशों के बीच कितना व्यापार है?

नॉर्डिक देशों के साथ भारत का व्यापार 5 बिलियन डालर (2020-21) से अधिक है।

SOURCE-DANIK JAGRAN

PAPER-G.S.2

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