वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की आर्थिक विकास दर 8.2 प्रतिशत:
परिचय:
- राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा 31 मई को जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-मार्च में भारत का वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में आश्चर्यजनक रूप से 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे वित्तीय वर्ष 2023-24 में पूरे वर्ष की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत हो गई, जो लगातार तीसरा वर्ष है जब 7 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
- उल्लेखनीय है कि 1961-62 के बाद से यह नौवीं बार है जब सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 8 प्रतिशत की सीमा को पार कर गयी है।
वित्त वर्ष 2023-24 में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन कैसा रहा?
- अनंतिम जीडीपी अनुमानों से पता चला है कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार लगभग 295.4 ट्रिलियन रुपये रहा है, जो बाजार मूल्य पर पिछले वर्ष दर्ज की गई 14.2 प्रतिशत वृद्धि की तुलना में 9.6 प्रतिशत बढ़ा।
- विनिर्माण, निर्माण, लोक सेवाओं, रक्षा और अन्य सेवाओं द्वारा प्रोत्साहित, चौथी तिमाही की 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर अर्थशास्त्रियों द्वारा लगाए गए 7.3-7.4 प्रतिशत के उच्चतम अनुमान से कहीं अधिक रही। 8.2 प्रतिशत की पूर्ण वर्ष की वृद्धि दर भी RBI द्वारा अनुमानित 7 प्रतिशत और NSO द्वारा 2023-24 के लिए 7.6 प्रतिशत के दूसरे अग्रिम अनुमान से अधिक है।
- प्राथमिक क्षेत्र में प्रदर्शन: कृषि और खनन से बना प्राथमिक क्षेत्र सालाना आधार पर 2.1 प्रतिशत की दर से बढ़ा। कृषि और खनन क्षेत्रों में क्रमशः 1.4 प्रतिशत और 7.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
- द्वितीयक क्षेत्र में प्रदर्शन:
- विनिर्माण, बिजली और निर्माण घटकों सहित द्वितीयक क्षेत्र में साल-दर-साल आधार पर 9.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
- विनिर्माण क्षेत्र में 9.9 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई जबकि बिजली में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वित्त वर्ष 2023-24 में निर्माण क्षेत्र में भी 9.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
- तृतीयक क्षेत्र में प्रदर्शन:
- तृतीयक क्षेत्र (व्यापार और होटल, रियल एस्टेट और रक्षा श्रेणियों सहित) में वार्षिक आधार पर 7.6 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
- व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाओं सहित श्रेणी के लिए संयुक्त वृद्धि दर वार्षिक आधार पर 6.4 प्रतिशत रही।
- वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवा श्रेणी के लिए वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत रही। लोक सेवाओं, रक्षा और अन्य सेवाओं के लिए वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत दर्ज की गई।
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए क्या संभावना है?
- वित्त वर्ष 2024-25 के लिए, अर्थशास्त्रियों ने भारत की आर्थिक वृद्धि पर सकारात्मक दृष्टिकोण व्यक्त किया है, जिसमें औसत जीडीपी वृद्धि 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है और मुद्रास्फीति के मौजूदा 5.4 प्रतिशत से घटकर 4.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने हाल ही में भारत के लिए वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपने विकास पूर्वानुमान को जनवरी में अनुमानित 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। एशियाई विकास बैंक (ADB) और भी अधिक आशावादी है, जिसने इस वित्त वर्ष के लिए 7 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है।
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