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विश्व पर्यटन संगठन

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संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) ने घोषणा की है कि रूस ने UNWTO से हटने का फैसला किया है। यह घोषणा संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन के महासचिव जुराब पोलोलिकाश्विली (Zurab Pololikashvili) ने की।

मुख्य बिंदु

  • UNWTO के अनुसार, यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के लिए रूस को निलंबित करने के लिए निकाय द्वारा मतदान से पहले ही रूस ने इस संगठन से हटने का फैसला किया है।
  • यह घटनाक्रम रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच सामने आया है।
  • UNWTO ने पहले यूक्रेन के खिलाफ रूसी आक्रमण को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के साथ असंगत और UNWTO के मौलिक उद्देश्य के खिलाफ बताया था।
  • UNWTO ने इससे पहले मार्च के महीने में घोषणा की थी कि वह संघर्ष के कारण रूस को निलंबित करना चाहता है।
  • यह पहली बार है जब UNWTO ने अपने किसी सदस्य राष्ट्र के निलंबन पर चर्चा करने के लिए बैठक की है।

विश्व पर्यटन संगठन

UNWTO संयुक्त राष्ट्र का एक संगठन है जिसे सतत, जिम्मेदार और सार्वभौमिक रूप से सुलभ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सौंपा गया है। इस संगठन का मुख्यालय मैड्रिड, स्पेन में स्थित है। यह एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो आर्थिक विकास, पर्यावरणीय स्थिरता और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन को बढ़ावा देता है।

संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन का मुख्यालय : मैड्रिड, स्पेन. संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन का अध्यक्ष : ज़ुरब पोलोलिकाशविली. संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन की स्थापना : 1 नवंबर 1974.गया। वर्ष 1975 में, आईयूओटीओ का विश्व पर्यटन संगठन के तौर पर फिर से नामकरण किया गया। यूएनडब्ल्यूटीओ 1976 में यूएनडीपी का एक कार्यकारी अभिकरण बना। 1977 में, यूएनडब्ल्यूटीओ ने संयुक्त राष्ट्र के साथ औपचारिक सहयोग के समझौते पर हस्ताक्षर किए।

यूएनडब्ल्यूटीओ की सदस्यता तीन प्रकार की है-

संपूर्ण सदस्यता (सभी संप्रभु राष्ट्रों के लिए);

सम्बद्ध सदस्यता (ऐसे क्षेत्रों के लिए जो अपने बाह्य संबंधों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं);

मान्यता प्राप्त सदस्यता (पर्यटन क्षेत्र से संबंधित संगठनों एवं अभिकरणों के लिए)।

संगठन के उद्देश्यों के तहत पर्यटन के सकारात्मक प्रभावों को विकसित करने के लिए रोजगार, सृजन, नवीन अवसंरचनात्मक अवस्थापना और विदेशी विनिमय आय जैसे उपाय शामिल हैं। इसका उद्देश्य नकारात्मक पर्यावरणीय या सामाजिक प्रभावों को भी न्यूनतम करना है।

पर्यटन के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार करने और कार्य परियोजना तथा बजट का अनुमोदन करने के लिए महासभा उत्तरदायी है। कार्यकारी परिषद् यह सुनिश्चित करती है कि संगठन अपने कार्यों का निर्वहन बजट की सीमाओं को ध्यान में रखते हुए करे। संगठन के 6 प्रादेशिक आयोग हैं – अफ्रीका, अमेरिका, पूर्वी एशिया एवं प्रशांत, यूरोप, मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया। यूएनडब्ल्यूटीओ की विशिष्टीकृत समितियों के सदस्य प्रबंधन एवं कार्यक्रम सामग्री पर परामर्श देते हैं।

भारत

भारत विश्व के पाँच शीर्ष पर्यटक स्थलों में से एक है। विश्व पर्यटन संगठन और वर्ल्ड टूरिज्म एण्ड ट्रैवल काउन्सिल तथा पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणीय संगठनों ने भारतीय पर्यटन को सबसे ज़्यादा तेज़ी से विकसित हो रहे क्षेत्र के रूप में बताया है। भारतीय पर्यटन की कुछ ख़ूबियाँ इस प्रकार हैं-

  • कोन्डे नास्त ट्रैवलर पुस्तिका के पाठकों के अनुसार कि भारत का स्वास्थ्यवर्धक विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्यवर्धक स्थलों में से एक है।
  • विश्व पर्यटन संगठन ने भारतीय पर्यटन को सर्वाधिक तेज़ी से यानि 8 फ़ीसदी वार्षिक की दर से विकसित हो रहे उद्योग के रूप में घोषित किया है।
  • पर्यटन देश का तीसरा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाला उद्योग है। 2004 में पर्यटन से 21 हज़ार करोड़ रुपए से भी अधिक की आय हुई।
  • देश की कुल श्रम शक्ति में से 6 प्रतिशत को पर्यटन में रोज़गार मिला हुआ है। पर्यटन उद्योग की सबसे बड़ी ख़ूबी यह है कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर पैदा हुए हैं।
  • भारत के विशाल तथा ख़ूबसूरत तटीय क्षेत्र, अछूते वन, शान्त द्वीप समूह, वास्तुकला की प्राचीन, ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक परम्परा, रंगमंच तथा कलाकेन्द्र पश्चिम के पर्यटकों के लिए ख़ूबसूरत आकर्षण के केन्द्र बन सकते हैं।
  • विदेशी पर्यटकों के प्रति आत्मीयता दर्शाने के लिए सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम अतिथि देवो भव: शुरू किया गया है।

अतुल्य भारत अभियान

भारतीय पर्यटन विभाग ने सितंबर 2002 में ‘अतुल्य भारत’ नाम से एक नया अभियान शुरू किया था। इस अभियान का उद्देश्य भारतीय पर्यटन को वैश्विक मंच पर बढ़ावा करना था। सरकार और एक्सपीरियेंस इंडिया सोसायटी ने शुरुआती चरण के पहले तीन माह का खर्च वहन किया था। यह संस्था ट्रैवेल एजेंट्स से जुड़ी हुई है। इस अभियान के तहत हिमालय, वन्य जीव, योग और आयुर्वेद पर अंतर्राष्ट्रीय समूह का ध्यान खींचा गया। देश के पर्यटन क्षेत्र के लिए इस अभियान से संभावनाओं के नए द्वार खुले हैं।

देश की पर्यटन क्षमता को विश्व के समक्ष प्रस्तुत करने वाला अपने किस्म का यह पहला प्रयास था। पर्यटन के क्षेत्र में विकास इसके पहले राज्य सरकारों के अधीन हुआ करता था। राज्यों में समन्वय के स्तर पर भी बहुत थोड़े प्रयास दिखते थे। देश के द्वार विदेशी सैलानियों के लिए खोलने का काम यदि सही और सटीक विपणन ने किया तो हवाई अड्डों से पर्यटन स्थलों के सीधे जुड़ाव ने पर्यटन क्षेत्र के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज सैलानी पर्यटन के लिहाज़ से सुदूर स्थलों की सैर भी आसानी से कर सकते हैं। निजी क्षेत्रों की विमान कंपनियों को देश में उड़ान भरने की इजाज़त ने भी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है।

SOURCE-DANIK JAGRAN

PAPER-G.S.1

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