संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग के प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केन्द्र सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ टेलीमेटिक्स (सी-डॉट) और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की एक स्वायत्त वैज्ञानिक सोसायटी सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक) ने स्वदेशी तकनीकी डिजाइन और विकास को बढ़ावा देने के लिए दूरसंचार और आईसीटी के विविध क्षेत्रों में एक साथ काम करने के उद्देश्य से 30 अप्रैल, 2022 को बैंगलोर में सेमीकॉनइंडिया 2022 कार्यक्रम में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
सी-डॉट संचार मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास संगठन है, जो नैरोबैंड और ब्रॉडबैंड स्विचिंग और ट्रांसमिशन नेटवर्क, टेरेस्ट्रियल रेडियो सिस्टम, सैटेलाइट सिस्टम, ऑप्टिकल संचार उपकरण, नेटवर्क प्रोटोकॉल, आधुनिक सुरक्षा समाधान और नेटवर्क प्रबंध प्रणालियों में उन्नत अनुसंधान और विकास कार्यों को अंजाम देता है। सी-डॉट को देश में स्वदेशी दूरसंचार क्रांति के जनक के रूप में जाना जाता है। विशेष रूप से भारतीय परिदृश्य के अनुकूल तीन दशक से अधिक समय से दूरसंचार प्रौद्योगिकियों के स्वदेशी डिजाइन, विकास और उत्पादन में अपने अथक अनुसंधान एवं विकास प्रयासों के साथ सी-डॉट प्रौद्योगिकी में सबसे आगे रहा है और इसने भारतीय दूरसंचार नेटवर्क के डिजिटलीकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
सी-डैक की स्थापना सामाजिक आर्थिक प्रगति के लिए इलेक्ट्रॉनिक और आईसीटी प्रौद्योगिकियों और एप्लीकेशनों के डिजाइन, विकास और तैनाती के लिए एक प्रमुख अनुसंधान एवं विकास संस्थान के रूप में उभरने के लिए की गई थी। इसका लक्ष्य सूचना और संचार प्रौद्योगिकी की सीमाओं का विस्तार करने, प्रौद्योगिकी समाधान विकसित करने, संरचना, राष्ट्रीय दृष्टि से महत्वपूर्ण समस्याओं के लिए व्यवस्था और मानक, प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग के माध्यम से भाषा की बाधाओं को दूर करके ज्ञान का तेजी से और प्रभावी प्रसार करने, अनुभव साझा करने और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उन्नत क्षमता का निर्माण करने में मदद करने के लिए अनुभव और जानकारी का आदान-प्रदान और इसे व्यावसायिक अवसरों में परिवर्तित करके उत्पन्न बौद्धिक संपदा का उपयोग करना है।
सी-डॉट और सी-डैक दोनों 4जी/5जी, ब्रॉडबैंड, आईओटी/एम2एम, पैकेट कोर, कंप्यूटिंग आदि के क्षेत्रों में गतिविधियों की पहचान और विकास में सहयोग करने और संयुक्त रूप से काम करने के लिए सहमत हुए हैं। जब कभी आवश्यकता होगी विशिष्ट भूमिकाओं और जिम्मेदारियों की गणना करने करने के लिए विशिष्ट परियोजना समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।।
यह सब राष्ट्रीय नेटवर्क को मजबूत करेगा, उन्हें सुरक्षित रखेगा, सहज कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा और उन्नत एप्लिकेशन प्रदान करेगा जो “आत्मनिर्भर भारत” की नींव को मजबूत करेगा। सी-डॉट ने स्वदेशी रूप से 4 जी / एलटीई समाधान विकसित किए हैं और 5 जी पर काम कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि डॉट और सी-डैक दोनों द्वारा पारस्परिक रूप से पहचाने गए अन्य क्षेत्रों के साथ इस क्षेत्र में उन्नत अनुसंधान के लिए हम सी-डॉट के साथ काम करेंगे।
सी-डॉट और सी-डैक ने “आजादी का अमृत महोत्सव” के उत्सव के हिस्से के रूप में देश में डिजिटल परिवर्तन के लिए स्वदेशी क्षमताओं के निर्माण के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई है।
सेंटर फॉर डवलेपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स
सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स (सी-डॉट) भारत सरकार का दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास केंद्र है। इसकी स्थापना एक स्वायत्त संस्था के रूप में अगस्त 1984 में की गयी थी। इसे भारतीय दूरसंचार नेटवर्क की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अत्याधुनिक दूर संचार प्रौद्योगिकी विकसित करने का संपूर्ण अधिकार तथा पूर्ण स्वतंत्रता दी गयी। इसका मुख्य उद्देश्य दूर संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट केंद्र की स्थापना करना है।
1984 में सी-डॉट का काम प्रारंभ में मुख्य रूप से डिजिटल एक्सचेंजों की डिजाइनिंग और विकास करना तथा भारतीय उद्योग द्वारा इसके व्यापक स्तरीय विनिर्माण को सुकर बनाना था। बाद में, 1989 में संचार उपकरणों का विकास भी इसके कार्य क्षेत्र में जोड़ दिया गया।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3