Register For UPSC IAS New Batch

हंसा-एनजी

For Latest Updates, Current Affairs & Knowledgeable Content.

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के तत्वावधान में बंगलुरु स्थित सीएसआईआर-राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशालाओं द्वारा डिजाइन की गई तथा विकसित भारत के पहले स्वदेशी फ्लाइंग ट्रेनर हंसा-एनजी ने 19 फरवरी से 5 मार्च, 2022 तक पुद्दुचेरी में समुद्र स्तर परीक्षणों को सफलतापूर्वक संपन्न कर लिया है।

इस विमान को 155 किमी/घंटा की गति से डेढ़ घंटे में 140 समुद्री मील की दूरी तय करते हुए पुद्दुचेरी के लिए 19 फरवरी, 2022 को उड़ाया गया था। समुद्र स्तर के परीक्षणों का उद्देश्य हैंडलिंग गुणों, क्लाइंब/क्रूज प्रदर्शन, बाक्ड लैंडिंग, सकारात्मक और नकारात्मक जी सहित संरचनात्मक निष्पादन, बिजली संयंत्र तथा अन्य प्रणालियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करना था। सीएसआईआर-एनएएल के सूत्रों ने बताया कि समुद्र स्तर के परीक्षणों के सभी उद्देश्यों को पूरा किया गया है और विमान को पुद्दुचेरी में 18 घंटे की उड़ान पूरी करने के बाद 5 मार्च, 2022 को वापस बंगलुरु भेज दिया गया है। विमान के पायलट एएसटीई के विंग कमांडर के.वी. प्रकाश तथा विंग कमांडर दिलीप रेड्डी थे। उड़ान की निगरानी सीएसआईआर-एनएएल डिजाइनरों तथा टेलीमेट्री से उड़ान परीक्षण निदेशक के रूप में विंग कमांडर रीजू चक्रवर्ती द्वारा की गई थी।

हंसा-एनजी जस्ट-इन-टाइम प्रीप्रेग (जेआईपीआरईजी) कम्पोजिट लाइट वेट एयरफ्रेम, ग्लास कॉकपिट, व्यापक पैनोरमिक व्यू के साथ बबल कैनोपी, इलेक्ट्रिकली ऑपरेटेड फ्लैप आदि जैसी अनूठी विशेषताओं के साथ रोटैक्स डिजिटल कंट्रोल इंजन द्वारा संचालित सबसे उन्नत फ्लाइंग ट्रेनर में से एक है। सीएसआईआर-एनएएल ने यह भी कहा कि हंसा-एनजी को भारतीय फ्लाइंग क्लब की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और यह कम लागत तथा कम ईंधन खपत के कारण वाणिज्यिक पायलट लाइसेंसिंग (सीपीएल) के लिए एक आदर्श विमान है। एनएएल को विभिन्न फ्लाइंग क्लबों से पहले ही 80 से अधिक एलओआई (आशय पत्र) प्राप्त हो चुके हैं। सीएसआईआर-एनएएल के निदेशक ने कहा कि कुल 37 उड़ानें और 50 घंटे की उड़ान पूरी हो गई है और डीजीसीए द्वारा टाइप सर्टिफिकेशन प्राप्त करने से पहले कुछ और उड़ानें संचालित की जाएंगी। टाइप सर्टिफिकेशन अप्रैल, 2022 तक पूरा होने की संभावना है और उसके बाद सार्वजनिक/निजी उद्योग के साथ विनिर्माण की पहल की जाएगा जो आत्मनिर्भर भारत के तहत एयरोस्पेस इको सिस्टम को बढ़ाएगा।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.3

Request Callback

Fill out the form, and we will be in touch shortly.

Call Now Button