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अमेरिका का उन्नतशील बमवर्षक विमान ‘B-2 स्पिरिट’:

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अमेरिका का उन्नतशील बमवर्षक विमान ‘B-2 स्पिरिट’:

चर्चा में क्यों है?

  • संयुक्त राज्य अमेरिका ने यमन के हूती-नियंत्रित क्षेत्रों में पाँच भूमिगत हथियार भंडारण सुविधाओं के विरुद्ध सटीक हवाई हमले किए। अमेरिका ने 16 अक्टूबर को अपने हमलों के लिए एक अत्यधिक उन्नत विमान ‘B-2 स्पिरिट’ बॉम्बर का इस्तेमाल किया।
  • नवंबर 2023 से, हुतियों ने लाल सागर से गुजरने वाले जहाजों पर लगभग 100 हमले किए हैं। उनके हमले ने लाल सागर शिपिंग लेन को बाधित कर दिया है, जो कभी एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग था, जहाँ से सालाना अनुमानित एक ट्रिलियन डॉलर का माल गुज़रता था।

B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर की क्या विशेषताएं है?

  • B-2 स्पिरिट शीत युद्ध के दौरान सबसे परिष्कृत वायु रक्षा को भेदने के लिए डिज़ाइन किया गया एक क्रांतिकारी विमान है। यह बॉम्बर 18000 किलोग्राम तक के पेलोड के साथ पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के हथियार ले जाने में सक्षम है।
  • B-2 में उच्च सबसोनिक गति और लगभग 9,600 किलोमीटर की अंतरमहाद्वीपीय परिचालन सीमा है। 15,240 मीटर ऊंचाई के साथ, B-2 ऐसी ऊँचाई पर संचालित होता है जो इसके स्टील्थ और परिचालन प्रभावशीलता को बढ़ाता है।
  • B-2 की विशेषताओं में से एक इसका “स्टील्थ” डिजाइन है, जो इसके इंफ्रारेड, सोनिक, विद्युत चुम्बकीय, दृश्य और रडार सिग्नेचर को कम करता है। इससे विमान को दुश्मन की रक्षा प्रणालियों द्वारा पता लगाना और निशाना बनाना बेहद मुश्किल हो जाता है।
  • B-2 के पंखों का आकार, मिश्रित सामग्री और विशेष कोटिंग्स इसकी गुप्त क्षमताओं में योगदान करते हैं, जिससे यह दुश्मन के हवाई क्षेत्र में बिना पकड़ में आये घुस सकता है और भूमिगत हथियार बंकरों जैसी भारी किलेबंद और कठोर संरचनाओं को निशाना बना सकता है।

अब तक B-2 बॉम्बर का संचालन कहां-कहां किया गया है? 

  • B-2 बॉम्बर का संचालन पहली बार 1997 में किया गया और तब से इसने कई अमेरिकी सैन्य अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • 1999 में, इसने कोसोवो में ऑपरेशन एलाइड फोर्स के दौरान अपनी पहली लड़ाई की, जहां दो B-2 बमवर्षकों ने संघर्ष के पहले आठ हफ्तों में सभी सर्बियाई लक्ष्यों में से 33 प्रतिशत को नष्ट कर दिया।
  • इस विमान ने अफगानिस्तान में ऑपरेशन एंड्योरिंग फ्रीडम के दौरान लगातार 44 घंटे उड़ान भरते हुए इतिहास में सबसे लंबे हवाई युद्ध मिशन का रिकॉर्ड भी बनाया।
  • B-2 को इराक, लीबिया और अन्य वैश्विक संघर्ष क्षेत्रों में भी तैनात किया गया है, जो इसकी लंबी दूरी की स्ट्राइक क्षमता का प्रदर्शन करता है।
  • यमन में, B-2 का उपयोग करने का निर्णय हुतियों द्वारा उत्पन्न खतरे की गंभीरता और उन्नत हथियारों तक उनकी पहुंच को दर्शाता है।
  • उल्लेखनीय है कि अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि यह हमला केवल हुतियों पर लक्षित नहीं है, बल्कि ईरान को भी एक संकेत थे।

B-2 बॉम्बर एक महत्वपूर्ण अमेरिकी परिसंपत्ति क्यों है?

  • B-2 स्पिरिट की उन्नत क्षमताएं इसे भारी सुरक्षा वाले हवाई क्षेत्रों में प्रवेश करने वाले मिशनों के लिए सबसे उपयुक्त विमान बनाती हैं। कठोर और भूमिगत लक्ष्यों के विरुद्ध सटीक हमले करने की इसकी क्षमता इसे अन्य बॉम्बर्स से अलग बनाती है।
  • हाल ही में यमन में किये गए इसके हमले में यह स्पष्ट रूप से देखा गया, क्योंकि B-2 बॉम्बर GBU-57 बम को गिराने में अद्वितीय रूप से सक्षम है, जिसे “मैसिव ऑर्डिनेंस पेनिट्रेटर” के रूप में जाना जाता है, यह बम विशेष रूप से हुतियों और संभावित रूप से ईरान द्वारा उपयोग किए जाने वाले गहरे बंकरों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • यह मिशन अमेरिका की, दुनिया में कहीं भी विनाशकारी हमले कर सकने की क्षमता को उजागर करता है।

हुतियों से जुड़ा लाल सागर संघर्ष क्या है?

  • पिछले साल नवंबर से लाल सागर एक महत्वपूर्ण युद्धक्षेत्र बन गया है क्योंकि हूती विद्रोही इजरायल-हमास संघर्ष के जवाब में इस क्षेत्र में वाणिज्यिक और सैन्य जहाजों को निशाना बना रहे हैं।
  • अक्टूबर 2023 से अब तक 100 से अधिक जहाजों पर मिसाइलों, ड्रोन और अन्य हथियारों से हमला किया गया है। हुतियों ने कई अमेरिकी सैन्य MQ-9 रीपर ड्रोन को भी मार गिराया है, जो उनकी बढ़ती सैन्य क्षमताओं को दर्शाता है, जिसे ईरान के समर्थन से बल मिला है।

हूती विद्रोहियों के बारे में:

  • ईरान के प्रतिरोध की धुरी का एक प्रमुख संगठन ‘हूती’ एक ज़ायदी शिया आतंकवादी समूह है जो एक दशक से अधिक समय से यमन में गृहयुद्ध में शामिल है। इसने 2014 में यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया और आज उत्तरी यमन पर उनका नियंत्रण है। देश के ज्यादातर इलाकों में भी उनकी मौजूदगी है।

‘सभी बमों की माँ (MOAB)’:

  • GBU-43/B मैसिव ऑर्डिनेंस एयर ब्लास्ट बम। MOAB को वैज्ञानिकों और समुदाय द्वारा “सभी बमों की माँ (MOAB)” भी कहा जाता है।

  • यह एक बहुत बड़ा हथियार है- 9 मीटर लम्बा, 9,800 किलोग्राम वजनी, जीपीएस-निर्देशित। इसका मुख्य प्रभाव 8000 किलोग्राम टीएनटी द्वारा बनाई गई एक विशाल विस्फोट तरंग है – जो हर दिशा में एक मील तक फैलती है। यह बम भूमिगत सुविधाओं और सुरंगों को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाया गया है।
  • रूस ने अपना खुद का विशाल पारंपरिक बम विकसित किया है, जिसे ‘सभी बमों का जनक (FOAB)’ उपनाम दिया गया है। एक तरह का थर्मोबैरिक हथियार के रूप में जाना जाता है।

 

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