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‘श्वेत क्रांति-2.0’ की शुरुआत:

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‘श्वेत क्रांति-2.0’ की शुरुआत:

चर्चा में क्यों है?

  • भारत के दुग्ध सहकारी क्षेत्र में व्यापक बदलाव की पहल करते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 19 सितंबर को ‘श्वेत क्रांति-2.0’ की शुरुआत की।
  • इसे महिला किसानों को सशक्त बनाने एवं रोजगार सृजन के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से बड़ी पहल माना जा रहा है। यह कार्यक्रम नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन में शुरू की गई तीन पहल में से एक है।

‘श्वेत क्रांति-2.0’ के बारे में:

  • इस कार्यक्रम में चार प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसमें महिला किसानों को सशक्त बनाना, स्थानीय दूध उत्पादन को बढ़ाना, डेयरी बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और डेयरी निर्यात को बढ़ावा देना शामिल है।
  • इस कार्यक्रम के तहत डेयरी किसानों को रुपे-किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ब्याज मुक्त नकद ऋण भी प्रदान किया जाएगा और डेयरी सहकारी समितियों को सूक्ष्म-एटीएम दिए जाएंगे, जिससे किसानों के दरवाजे तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचेगी।
  • इसके तहत, डेयरी सहकारी समितियों द्वारा दूध खरीद का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में वर्तमान स्तर से 50% तक बढ़ाया जाएगा, इसके लिए अब तक शामिल नहीं किए गए गांवों/पंचायतों में डेयरी किसानों को बाजार तक पहुंच प्रदान की जाएगी और दूध खरीद में संगठित क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ाई जाएगी।
  • इस पहल में एक लाख नई/मौजूदा जिला सहकारी समितियों, बहुउद्देश्यीय जिला सहकारी समितियों और एम-पैक्स (M-PACS) की स्थापना और उन्हें मजबूत करना शामिल है।
  • इस पहल के तहत AMCU (स्वचालित दूध संग्रह इकाई), DPMCU (डेटा प्रोसेसिंग दूध संग्रह इकाइयाँ), परीक्षण उपकरण, बल्क मिल्क कूलर आदि जैसे सक्षम बुनियादी ढाँचा प्रदान करना, प्रमुख घटक होगा।

श्वेत क्रांति 2.0 का वित्तपोषण: 

  • शुरुआत में श्वेत क्रांति 2.0 पहल को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) द्वारा अपने स्वयं के संसाधनों से वित्तपोषित किया जाएगा, जिसके तहत 1,000 M-PACS को 40,000 रुपये प्रति M-PACS की सहायता प्रदान की जाएगी और बाद में पशुपालन और डेयरी विभाग (DAHD) की प्रस्तावित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम 2.0 योजना से वित्तपोषित किया जाएगा।
  • इससे संपूर्ण दूध मूल्य श्रृंखला मजबूत होगी। इन पहलों से क्षेत्र के विकास और घरेलू मांग को पूरा करने के लिए दूध उत्पादन बढ़ाने और निर्यात क्षमता का दोहन करने में मदद मिलेगी।

किसानों, खासतौर पर महिला किसानों की आय बढ़ेगी: 

  • श्वेत क्रांति-2.0 से किसानों की आय बढ़ेगी। दूध उत्पादन में भारत का स्थान विश्व में पहला है। इसके डेयरी सहकारी समितियां अगले पांच वर्ष के भीतर प्रतिदिन एक हजार लाख किलो दूध की खरीद करने लगेंगी। इससे किसानों एवं गो-पालकों की आजीविका में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
  • उल्लेखनीय है कि डेयरी क्षेत्र में अधिकतर महिलाएं काम कर रही हैं। इनमें सिर्फ गुजरात में ही 60 हजार करोड़ रुपये का कारोबार किया जा रहा है। नई पहल से महिलाओं को कुपोषण के विरुद्ध लड़ाई में धार आएगी।

 

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